सुपर सीएम और भाजपा के मंत्रियों के इशारे पर राहुल गांधी के कार्यक्रम को रद्द करने की हुई थी साजिश, कांग्रेस ने लगाए सनसनीखेज आरोप

>>दलित ओबीसी छात्रों के साथ खड़े हैं राहुल गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी, बिहार सरकार छात्रों न करें परेशान: राजेश राम

>>राहुल गांधी को बिहार सरकार के इशारे पर दलित पिछड़े वर्ग के छात्रों से मिलने से रोकने की थी साजिश: जिग्नेश मेवाणी
पटना।कल बिहार में दो अत्यंत महत्वपूर्ण घटनाएँ घटीं, जिन्होंने समूचे बिहार की राजनीति की दिशा ही बदल दी। पहली घटना यह कि देश के विपक्ष के नेता जननायक राहुल गांधी ने दरभंगा से दलित समाज के लिए एक ऐतिहासिक लड़ाई की बुनियाद रख दी। ये बातें बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावारू ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही।
बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावारू ने कहा कि दरभंगा में देश के विपक्ष के नेता राहुल गांधी को दलित, ओबीसी और ईबीसी छात्रों से मिलने से रोकने की घटना बिहार के सुपर सीएम बनकर बैठे एक बाबू दीपक कुमार और भाजपा के दरभंगा से स्थानीय जनप्रतिनिधि बिहार सरकार के मंत्री के इशारे पर की गई। क्योंकि कार्यक्रम की तैयारी विगत तीन दिनों से सामान्य तरीके से संचालित हो रही थी और प्रशासन ने सफाई से लेकर सड़क निर्माण और अन्य व्यवस्था में सहयोग मिल रहा था लेकिन अचानक से अंतिम वक्त पर प्रशासन ने कार्यक्रम की अनुमति से इनकार कर दिया जो बताने को काफी है कि बिहार की सरकार कांग्रेस और राहुल गांधी से डरती है। हमारे नेता वहां छात्रों से संवाद करने पहुंचे थे कोई जनसभा करने नहीं लेकिन फिर भी छात्रों के अनुरोध पर भी प्रशासन ने नाहक इस कार्यक्रम को रद्द करने की सुपर सीएम और भाजपाई साजिश रची गई। उन्होंने राहुल गांधी के बातों को उठाते हुए कहा कि “राहुल गाँधी जी ने साफ़ कहा है कि बिहार सरकार के एफआईआर मेरे लिए मेडल की तरह है।”
बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि एक ओर भाजपा-जेडीयू की तानाशाही सरकार थी, जो दलितों की आवाज़ दबाने के लिए “शिक्षा, न्याय -संवाद” कार्यक्रम को रोकना चाहती थी, तो दूसरी ओर राहुल गांधी का आत्मबल था, जो उन्हें बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान से प्राप्त हुआ है। देश के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से कहा था कि कोई भी ताकत उन्हें उस कार्यक्रम में भाग लेने से रोक नहीं सकती—और अंततः जीत हुई दलित छात्रों और बाबा साहेब अंबेडकर के सिद्धांतों की हुई, जबकि तानाशाही सोच को पराजय का सामना करना पड़ा। साथ ही पत्रकारों के सवाल के जवाब में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि बिहार सरकार को यदि लड़ाई कांग्रेस और हमारे नेता राहुल गांधी से है तो कम से कम वें एफआईआर में ज्ञात सौ छात्रों पर गिरफ्तारी का दबाव न बनाएं। साथ ही उन्होंने आश्वत किया कि दलित, ओबीसी, ईबीसी और अल्पसंख्यक छात्रों के साथ कांग्रेस पार्टी मजबूती से खड़ी है, उन्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि राहुल गांधी उनके साथ खड़े हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि “न हम नीतीश भाजपा के गालियों से डरते हैं, न गोलियों से और न ही उनकी एफआईआर से।”
गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि कल यह सिद्ध हो गया कि बाबा साहेब का संविधान इतनी शक्ति रखता है कि वह बड़े से बड़े तानाशाह को भी परास्त कर सकता है। बिहार की भाजपा-जेडीयू सरकार बुरी तरह से बेनकाब हो गई। उनका दलित, आदिवासी, ओबीसी, ईबीसी और अल्पसंख्यक छात्रों के हितैषी बनने का पाखंडी मुखौटा उतर गया। कल राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कई नेताओं पर दर्ज की गई एफआईआर इस बात का ठोस सबूत है कि ये राजनीतिक दल दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा और आदिवासी वर्गों के घोर विरोधी हैं। इनके मन में इतनी घृणा भरी हुई है कि जो भी व्यक्ति दलित हितों की बात करता है, उसे ये जेल भेजने पर आमादा हो जाते हैं। क्या अब बिहार में भाजपा जेडीयू सरकार द्वारा दलितों के हित की बात करना, उनके साथ शिक्षा का संवाद करना अपराध घोषित कर दिया गया है? साथ ही उन्होंने कहा कि अगर तानाशाहों के पास सत्ता की ताकत है तो हमारे पास बाबा साहब के दिए संविधान की ताकत है।
बिहार कांग्रेस के प्रभारी सचिव सुशील पासी ने कहा कि यदि दलितों के पक्ष में खड़ा होना, उनके अधिकारों की बात करना, भाजपा-जेडीयू सरकार की दृष्टि में अपराध है—तो हम यह “अपराध” बार-बार करेंगे, हर रोज़ करेंगे, पूरे गर्व और संकल्प के साथ करेंगे। भाजपा को उन्होंने दलित, ओबीसी, ईबीसी और अल्पसंख्यक विरोधी करार दिया और कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी लगातार ऐसे छात्रों की आवाज बनकर संघर्ष करने का संकल्प ले चुके हैं।
संवाददाता सम्मेलन का संचालन राष्ट्रीय मीडिया कॉर्डिनेटर अभय दुबे ने किया।
संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावारू, अध्यक्ष राजेश राम, गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जिग्नेश मेवाणी, विधान परिषद में दल के नेता डॉ मदन मोहन झा, प्रभारी सचिव सुशील पासी, राष्ट्रीय मीडिया कॉर्डिनेटर अभय दुबे, कोषाध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता, मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़, करुणा सागर, प्रवक्ता डॉ स्नेहाशीष वर्धन पाण्डेय, विनोद चौधरी, सौरभ सिंहा सहित अन्य नेतागण मौजूद रहें।