बाढ़ : महाशिवरात्रि पर उमानाथ गंगा घाट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, प्रतिबंध के बावजूद चले नाव और वोट, प्रशासन सुस्त

बाढ़। पटना के बाढ़ अनुमंडल में महाशिवरात्रि को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा गया। मंगलवार सुबह से ही बाढ़ के विभिन्न गंगा घाटों पर श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए उमड़ पड़े। सबसे ज्यादा भीड़ उमानाथ गंगा घाट पर देखने को मिला, जहां पर सुबह से ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते जाते दिखे और पूजा पाठ में भी लोगों ने जमकर दिलचस्पी ली। अंतर जिला से आए लोगों ने स्नान ध्यान करने के बाद मंदिर में पूजा पाठ की और फिर अपने साथ गंगाजल भरकर अपने ग्रामीण शिवालयों में जलाभिषेक करने के लिए भी ले गए। यहां के महंत बताते हैं कि उमानाथ त्रेता युग का मंदिर है और यहां श्री राम का भी आगमन हुआ था। तुलसीदास ने अपने लेखन में उमानाथ का भी वर्णन किया है। मंदिर परिसर का इतिहास काफी गौरवशाली है और हर उत्सव में यहां पर बड़े ही श्रद्धा भाव से लोग पूजा पाठ करने पहुंचते हैं। साल में तीन मेला का भी आयोजन होता है।
बताते चलें बाढ़ के उमानाथ गंगा घाट का विशेष महत्व है। उत्तरवाहिनी गंगा नदी के प्रवाह के किनारे बसा उमानाथ गंगा घाट को बिहार का काशी भी कहा जाता है। यहां दूरदराज के श्रद्धालु हर उत्सव के समय पूजा पाठ करने के लिए पहुंचते हैं।


प्रतिबंध के बावजूद भी चलता रहा नौका और वोट
उमानाथ गंगा घाट पर महाशिवरात्रि के दिन प्रशासन के प्रतिबंध के बावजूद नौका और वोट गंगा नदी में चलता दिखा। श्रद्धालुओं द्वारा गंगा नदी के दूसरे पार स्नान करने की भीड़ भाड़ देखी गई। इसके लिए नौका और वोट गंगा घाट पर ओवरलोड यात्रियों को सवार करते हुए खतरनाक तरीके से गंगा नदी के दियारा इलाके में ले जाते देखे गये। यह सिलसिला प्रशासन के आने के बावजूद भी जारी रहा। प्रशासन ने कुछ देर के लिए प्रतिबंध लगाया लेकिन प्रशासन के जाने के साथ ही फिर से सिलसिला शुरू हो गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि हर साल इसी तरह का नजारा देखने को मिलता है। इस तरह की लापरवाही से बड़ा हादसा हो सकता है।

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