BAO हत्याकांड में एक और खुलासा : इंटरनेट बैंकिंग का पिन हासिल करने के लिए कई बार किया था टॉर्चर

पटना। पटना के कंकड़बाग में रहने वाले मसौढ़ी प्रखंड के कृषि पदाधिकारी (बीएओ) हत्याकांड में एक और खुलासा हुआ है। अपराधियों ने बीएओ अजय कुमार की हत्या करने से पहले अंतिम सांस तक उनसे इंटरनेट बैंकिंग का पिन मांगा था। लेकिन कृषि पदाधिकारी ने नंबर नहीं बताया था। बदमाश इंटरनेट बैंकिंग के जरिए पूरा पैसा ट्रांसफर करना चाहते थे। अजय कुमार के दो अकाउंट थे और दोनों का पैसा अपराधी उड़ाना चाहते थे। यह खुलासा पुलिस रिमांड में अपराधी राकेश कुमार ने किया है। बता दें पिछले माह 18 जनवरी को अपराधियों ने अजय कुमार का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी थी। 24 जनवरी को उनका शव गौरीचक थाना क्षेत्र के साहेबनगर स्थित मोरहर नदी के किनारे गड्ढे से बरामद हुआ था। 24 जनवरी को ही पुलिस ने मुख्य आरोपी गोलू को गिरफ्तार कर लिया था। अगले दिन 25 जनवरी को पुलिस ने दो अन्य आरोपियों पवन उर्फ लालू और आकाश उर्फ छोटू को भी गिरफ्तार कर लिया था। जबकि पिछले सप्ताह शुक्रवार को राकेश ने सिविल कोर्ट में सरेंडर किया था।
बदमाशों ने काफी दिमाग लगाया
बता दें हत्याकांड में शामिल अन्य आरोपियों के पकड़े जाने के बाद अपराधी राकेश कुमार उर्फ टुटु ने पुलिस से बचकर कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। जिसके बाद पुलिस ने उसे 24 घंटे की रिमांड पर लिया था। कंकड़बाग पुलिस का कहना है कि सर्विलांस को धोखा देने के लिए घटना में शामिल बदमाशों ने काफी दिमाग लगाया था। मोबाइल को कंकड़बाग थाना क्षेत्र में ही झाड़ में फेंक दिया था, जिससे पुलिस को भ्रमित किया जा सके। रिमांड में आने के बाद टुटु ने मोबाइल के बारे में बताया, जिसके बाद पुलिस ने उसे बरामद कर लिया है।
बैंक अकाउंट का पैसा ट्रांसफर करना चाहते थे
कंकड़बाग थानाध्यक्ष रविशंकर के अनुसार, रिमांड में टुटु ने बताया है कि बीएओ अजय कुमार के एसबीआई में दो खाते थे। दोनों खातों के पैसे को बदमाश आॅनलाइन बैंकिंग से ट्रांसफर करना चाहते थे। इसके लिए अजय की हत्या करने से पूर्व अपराधियों ने इंटरनेट बैंकिंग का पिन हासिल करने के लिए उन्हें कई बार टॉर्चर किया, लेकिन उन्होंने मुंह नहीं खोला। पुलिस का कहना है कि इस खुलासे के बाद पूर्व कृषि पदाधिकारी के दोनों बैंक अकाउंट की पड़ताल की गई लेकिन उनमें से पैसा ट्रांसफर नहीं किया गया है। पुलिस का कहना है कि टुटु ने बताया कि कृषि पदाधिकारी को पहले से ही जाल में फंसा लिया गया था, जिस कारण से वह घर में भी कोई बात नहीं कह पा रहे थे।

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