कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेंगे अशोक गहलोत, सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद किया ऐलान

नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री ने सोनिया गांधी से मुलाकात करने के बाद बड़ा ऐलान किया है। गहलोत ने कहा है कि दो दिन पहले हुई घटना से वह आहत हैं और कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। इस घटना ने देश के अंदर कई सारे मैसेज दे दिए हैं। जब राहुल गांधी ने मना कर दिया कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे। तब मैंने अपने समर्थकों के कहने पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया। अब परसों जो कुछ भी हुआ उसको देखते हुए मैंने फैसला लिया है कि इस माहौल में मैं अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ूंगा। बता दे की सोनिया गांधी ने मुलाकात करने के बाद गहलोत ने कहा कि वर्तमान हालात को देखते हुए मैं अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ूंगा।वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के कांग्रेस अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज 10 जनपथ पहुंचे और सोनिया गांधी से मुलाकात कर यह घोषणा की है। वहीं सोनिया से मुलाकात करने के बाद गहलोत ने कहा कि राजस्थान में जो घटना हुई उसने हर किसी को हिला कर रख दिया जिसके लिए मैंने सोनिया गांधी से मांफी मांगी है। वहीं सोनिया से मिलने इससे पहले केसी वेणुगोपाल भी 10 जनपथ पहुंचे थे। सोनिया से मुलाकात से पहले गहलोत ने जोधपुर हाउस में कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक से भी मुलाकात की थी।
मैं कांग्रेस का वफादार सैनिक : गहलोत
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव से पहले गहलोत और सोनिया की यह मुलाकात करीब डेढ़ घंटे चली। वहीं गहलोत ने कहा कि मैंने कांग्रेस में वफादार सैनिक के रूप में काम किया है और कांग्रेस ने हमेशा मुझपर विश्वास करके कई जिम्मेदारियां दीं। गहलोत ने कहा कि सोनिया गांधी के आशीर्वाद से मैं राजस्थान का तीसरी बार सीएम बना हूं। वहीं रविवार को राजस्थान के घटनाक्रम पर बोलते हुए गहलोत ने कहा कि मैं राज्य में विधायक दल का नेता हूं ऐसे में इस तरह का घटनाक्रम होना बेहद निंदनीय है जिससे मुझे बहुत दुख हुआ है। सीएम ने कहा किएक पंक्ति का संकल्प हमारी परंपरा है, दुर्भाग्य से, ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई कि प्रस्ताव पारित नहीं हुआ और यह मेरी नैतिक जिम्मेदारी थी, लेकिन सीएम होने के बावजूद मैं प्रस्ताव पारित नहीं करा सका।
विधायकों के घटनाक्रम से गहलोत आहत
वहीं अशोक गहलोत सोनिया गांधी से मुलाकात से पहले राजस्थान की परिस्थितियों को लेकर कुछ दस्तावेज लेकर पहुंचे थे जिन पर पहली लाइन में लिखा है कि जो कुछ हुआ उससे मैं बहुत आहत हूं। बता दें कि सोनिया गांधी ने गहलोत को पार्टी के शीर्ष पद के लिए चुना था लेकिन उनके समर्थक विधायकों के विद्रोह के बाद आलाकमान खासा नाराज है और माना जा रहा है कि घटनाक्रम को गहलोत जैसे अनुभवी नेता के साफ-सुथरे करियर पर एक धब्बे के रूप में देखा जा रहा हैं।

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