आम आदमी को महंगाई का एक और बड़ा झटका : अमूल और मदर डेयरी के दूध के दाम बढ़े, नई दरें कल से होंगी लागू

नई दिल्ली। आम आदमी पर एक बार फिर महंगाई की मार पड़ी है। मदर डेयरी और अमूल ने दूध के दामों में एक बार फिर बढ़ोतरी की है। अमूल नाम से दूध उत्पाद की बिक्री करने वाली गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन ने अपने दूध के दामों में बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है। कीमतों में बढ़त बुधवार यानि 17 अगस्त से लागू होगी। कीमतों में बढ़त के बाद से अब अमूल के हर लीटर पर ग्राहकों को 2 रुपये अतिरिक्त देने होंगे। फेडरेशन के मुताबिक महंगे पशु आहार की वजह से बढ़ती लागत को देखते हुए दूध की कीमतों में बढ़ोतरी की जा रही है। वहीं मदर डेयरी ने भी कल से ही इतनी ही बढ़ोतरी का ऐलान किया है।
जानिए कितने बढ़े दाम
अमूल दूध के दामों में 17 अगस्त से प्रति लीटर दो रुपये की बढ़ोतरी की गई है। नए दामों के अनुसार अमूल शक्ति दूध अब 50 रुपये प्रति लीटर मिलेगा, अमूल गोल्ड अब 62 रुपये प्रति लीटर और अमूल ताजा 56 रुपये प्रति लीटर के दाम पर मिलेगा। अमूल दूध के ये नए रेट कल से पूरे देश में प्रभावी होंगे।फेडरेशन के मुताबिक नई कीमतें गुजरात के अहमदाबाद और सौराष्ट्र क्षेत्र, दिल्ली एनसीआर, पश्चिम बंगाल, मुंबई आदि में लागू होंगी।
मदर डेयरी ने भी बढ़ाए दाम
इसके साथ ही मदर डेयरी ने भी दूध के दामों में बढ़ोतरी की है। मदर डेयरी ने दिल्ली एनसीआर में बुधवार से कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि का ऐलान किया है। बढ़त के बाद फुल क्रीम दूध 61 रुपये प्रति लीटर, टोंड दूध की कीमत 51 रुपये प्रति लीटर और डबल टोंड की कीमत 45 रुपये प्रति लीटर होगी वहीं गाय का दूध अब 53 रुपये प्रति लीटर मिलेगा।
पशु आहार की लागत बढ़ने का असर
फेडरेशन के मुताबिक दूध उत्पादन की लागत में लगातार बढ़त देखने को मिल रही है। और यह बढ़ोतरी संचालन और उत्पादन की कुल लागत के बढ़ने की वजह से की गई है। अमूल ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले पशु आहार की लागत 20 प्रतिशत बढ़ चुकी है। अमूल ने बयान में कहा कि बढ़ती लागत को देखते हुए हमारे सदस्य संघों ने किसानों के लिए कीमतों में बढ़त की थी। इसका कुछ हिस्सा अब ग्राहकों को बढाया गया है। रूस यूक्रेन संकट की वजह से जिन उत्पादों की दुनिया भर में किल्लत हुई है उसमें पशुओं का चारा भी शामिल है। इससे दुनिया भर में इसकी कीमतें काफी बढ़ गई हैं। जिसका असर देश में भी सप्लाई और कीमतों पर पड़ा है, और दूध उत्पादन में लगे किसानों की लागत बढ़ी है।

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