बिहार में आजादी के अमृत महोत्सव की रही धूम, 7 करोड़ रुपए से अधिक के तिरंगो की हुई बिक्री

पटना। भारत के 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारत सरकार द्वारा देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया। इसके साथ साथ इस अवसर पर हर घर तिरंगा कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस अभियान के दौरान तिरंगे की धूम रही। इस अभियान के दौरान एक से लेकर 14 अगस्त तक खादी-ग्रामोद्योग आयोग, खादी बोर्ड एवं विभिन्न संस्थाओं की ओर से लगभग 7 करोड़ के तिरंगे की बिक्री की गई। केवल खादी-ग्रामोद्योग आयोग ने छह करोड़ रुपये से अधिक के तिरंगे की बिक्री की है। इसके अलावा खादी माल में भी दस लाख से अधिक की बिक्री की गई। प्रदेश में कुल 84 संस्थाओं ने भी अपने स्तर से तिरंगे की आपूर्ति की है। कई इलाकों में तो बाजार में तिरंगे की अनुपलब्धतता की चर्चाएं इंटरनेट मीडिया पर वायरल होती रहीं। खादी ग्रामोद्योग के आयोग की ओर से मौर्या लोक में संचालित भवन के काउंटर हर ग्राहक को तिरंगा मुहैया कराया गया है। यहां से न केवल राजधानी के बल्कि राज्य के कोने-कोने से आने वाले लोगों ने तिरंगे की खरीदारी की। आयोग की ओर से कोशिश की गई थी कि अधिक से अधिक लोगों तक तिरंगा पहुंचे। आयोग का मुख्य उद्देश्य था हर घर तिरंगा पहुंचाना। उस दिशा में आयोग बहुतहद तक सफल रहा है।
खादी माल में हुई दस लाख से अधिक की बिक्री
आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर खादी माल की ओर से 10 लाख रुपये की झंडे की बिक्री की गई। यहां पर एक अगस्त से ही तिरंगे की बिक्री की जा रही थी। माल के प्रबंधक रमेश कुमार का कहना है कि हर घर तिरंगा कार्यक्रम के अंतर्गत तिरंगे की बिक्री में तीन गुणा ज्यादा बिक्री पूर्वों के वर्षों के तुलना में देखी जा रही है। पूर्व के वर्षों में सामान्यत: दो से तीन लाख के झंडे की बिक्री की जाती थी लेकिन इस वर्ष दस लाख का आंकड़ा पार कर गया।
एक हजार से अधिक बुनकरों को मिला लाभ
बिहार राज्य बुनकर कल्याण समिति के सदस्य अलीम अंसारी ने कहा कि इस वर्ष पहली बार राज्य के विभिन्न खादी संस्थाओं द्वारा राष्ट्र ध्वज का निर्माण किया गया। इसके लिए खादी ग्रामोद्योग आयोग ने कुछ संस्थाओं को अनुमति प्रदान की थी। राज्य के विभिन्न संस्थाओं की ओर से लगभग एक हजार बुनकर रात-दिन काम किए तब जाकर इतने बड़े पैमाने पर लोगों को राष्ट्र ध्वज मुहैया कराया जा सका।

About Post Author