कृषि मंत्री ने किया हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला में कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन
पटना। बिहार सरकार के कृषि विभाग के मंत्री कुमार सर्वजीत ने आज विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला में कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। साथ ही माननीय मंत्री ने कृषि विभाग द्वारा प्रकाशित कृषक हितकारी हमारी योजनाएँ का विमोचन भी किया। वही इस कार्यक्रम में जितेन्द्र कुमार राय, मंत्री, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार, डॉ. रामानुज प्रसाद, सदस्य, बिहार विधान सभा क्षेत्र, सोनपुर, छोटे लाल राय, सदस्य, बिहार विधान सभा क्षेत्र, परसा, विशेष सचिव, रवीन्द्र नाथ राय, कृषि निदेशक डॉ. आदित्य प्रकाश, निदेशक उद्यान नन्द किशोर सहित कृषि विभाग के पदाधिकारीगण एवं किसानगण उपस्थित थे। वही मंत्री ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि कोरोना काल में जनता-जनार्दन को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए विगत 2 वर्षों में हरिहर क्षेत्र का यह प्रसिद्ध मेला आयोजित नहीं हो सका। यहाँ बाबा हरिहरनाथ जी का भव्य पौराणिक मंदिर भी है। प्राचीन हरिहरनाथ मंदिर हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। जहाँ वर्षों से कार्तिक पूर्णिमा से एक महीने तक के लिए विश्व प्रसिद्ध मेला का आयोजन किया जाता रहा है। आज भारत में जहाँ लोक संस्कृति दिनों-दिन विलोपित होती जा रही है। वहीं सोनपुर का यह मेला अपनी पौराणिक धरोहर को जीवंत बनाये रखा है। आज भी सोनपुर मेला पशु मेला के रूप में विष्व प्रसिद्ध है। वही उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि प्रकृति ने बिहार को उपजाऊ मिट्टी और प्रचुर जल संसाधनों का वरदान दिया है। साथ ही यहाँ कृषि जलवायु की विशाल विविधता है, जो बागबानी तथा औषधीय पौधों सहित बड़ी संख्या में विभिन्न प्रकार के फसलों की खेती को संभव बनाती है।

वह मंत्री ने कहा की बिहार के किसान खुशहाल हों, किसानों की आमदनी बढ़े, ग्रामीण युवाओं में कृषि के प्रति आकर्षण हो, कृषि सम्मान का पेशा बने, इसके लिए पूरा कृषि परिवार एक साथ काम करेगा। वही उन्होंने विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र मेला के इस प्रांगण में कृषि विभाग द्वारा लगाये गये प्रदर्शनी से जुड़े सभी कर्मियों, पदाधिकारियों तथा इस कार्यक्रम में भाग ले रहे सभी किसान भाईयों एवं बहनों को धन्यवाद दिया।
वही मंत्री ने कहा कि राज्य के किसानों को खरीफ मौसम में काफी कठिनाई हुई है। इसका सीधा असर धान की खेती पर पड़ा है। 35 लाख हेक्टेयर में धान की खेती के लक्ष्य के विरूद्ध मात्र 30.72 लाख हेक्टेयर में धान की खेती कर पाये हैं। जिन किसानों के द्वारा धान की रोपनी कर ली भी गयी तो उन्हें फसल को बचाने के लिए कई बार डीजल से सिंचाई की जरूरत पड़ी। किसानों की सहायता के लिए राज्य सरकार द्वारा डीजल पर अनुदान दिया जा रहा है। वही उन्होंने कहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आभारी हैं कि उन्होंने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुये राज्य की आकस्मिकता निधि से राशि की स्वीकृति दी है। पंचायत स्तर पर कई किसानों के आवेदन प्रक्रियागत त्रुटियों के कारण अस्वीकृत किया गया है, जिनका आवेदन पुनः लिया गया है। वही कुमार ने कहा कि राज्य के कुछ जिलों में धान की कटनी के समय एक विकट समस्या विकराल रूप ले रहा है। धान के पुआल को खेत में जलाने की समस्या लगातार बढ़ रहा है। पुआल के जलाने से एक तरफ वातावरण प्रदूषित हो रहा है। तो दूसरी तरफ मिट्टी की उर्वरा-शक्ति खत्म हो रही है। यह चिन्ता की बात है। सरकार द्वारा फसल अवशेषों को जलाने की घटना को रोकने के लिए काफी प्रयास किया जा रहा है। कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार यह सुनिश्चित करें कि उनके पंचायत में फसल अवशेष नहीं जलाया जायेगा। इसे दृढ़ता से लागू किया जाये। वही उन्होंने कहा कि रबी फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए रबी अभियान चलाया जा रहा है। इसकी सफलता के लिए जरूरी है कि किसानों को समय पर बीज मिले और जो बीज दिया जा रहा है, वह उच्च गुणवत्ता की है। यह दोनों ही दायित्व कृषि विभाग के पदाधिकारियों की है। इस रबी मौसम में गेहूँ, चना, मसूर, मटर, राई सरसों, तीसी, जौ तथा संकर मक्का का कुल 03 लाख 07 हजार क्विंटल बीज किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। बिहार राज्य बीज निगम के द्वारा बीज आपूर्ति की सभी व्यवस्था पूरी की गयी है।
वही मंत्री ने कहा कि किसानों को खाद सही समय पर मिले तथा सही दाम पर मिले यह शत-प्रतिशत सुनिश्चित किया जायेगा। राज्य में खाद की आपूर्ति से लेकर डीलर के दुकान में उर्वरक की उपलब्धता के प्रत्येक बिन्दु पर नियमित समीक्षा किया जा रहा है। सीमावर्ती जिला में उर्वरक के परिचालन पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। राज्य स्तर से पदाधिकारियों द्वारा समय-समय पर सीमावर्ती जिलों में उर्वरक परिचालन का निरीक्षण किया जाये। किसी भी हाल में विभाग की बदनामी बर्दाश्त नहीं की जायेगी। खाद सही दाम पर मिले, यह व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक कृषि समन्वयक की जबावदेही होगी। इसके बाद भी अनियमितता की स्थिति में उन पर कठोर कार्रवाई की जायेगी। वही उन्होंने कहा कि विशेष ध्यान रखा जाये कि अधिक-से-अधिक योजनाओं का लाभ सीमान्त किसानों तक पहुँचे। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा कि योजना का लाभ सिर्फ बड़े किसानों तक सीमित रह जाये। विभागीय योजनाओं का लाभ बड़े किसानों के साथ-साथ छोटे एवं सीमान्त किसानों को भी अधिक-से-अधिक मिले। नवम्बर महीना में सभी जिलों में यांत्रीकरण मेला का भी आयोजन किया जा रहा है। अन्य विकल्पों के साथ भी किसान मेला में कृषि यंत्र क्रय करने का विकल्प किसानों को दिया जा रहा है। साथ ही, किसानों को मेला में कृषि यंत्र से संबंधित प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।

