कतर में गिरफ्तार 8 पूर्व भारतीय नौसैनिक हुए रिहा, सजा काट रहे थे उम्रकैद की सजा

नई दिल्ली। कतर ने 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को रिहा कर दिया गया है। इनमें से 7 सोमवार सुबह भारत लौट आए हैं। ये कतर में जासूसी के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे थे। पहले इन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी। विदेश मंत्रालय ने देर रात कहा- भारत सरकार कतर में गिरफ्तार किए गए दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले 8 भारतीयों की रिहाई का स्वागत करती है। हम इनकी घर वापसी के लिए कतर के फैसले की सराहना करते हैं। दुबई में 1 दिसंबर को कोप28 समिट के दौरान नरेंद्र मोदी कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी से मिले थे। उन्होंने कहा था- दुबई में कतर के अमीर से मुलाकात हुई। मैंने उनसे कतर में रहने वाले भारतीय नागरिकों के हालचाल जाने। दिल्ली एयरपोर्ट पर लौटने के बाद कुछ पूर्व नौसैनिकों ने मीडिया से बात की। एक पूर्व नौसैनिक ने कहा- पीएम  मोदी के हस्तक्षेप के बिना हमारे लिए भारत लौटना संभव नहीं होता। भारत सरकार के लगातार प्रयासों के बाद ही हम वापस आ सके हैं। एक अन्य पूर्व नौसैनिक ने कहा- हम 18 महीने बाद भारत आ सके हैं। हम मोदी और भारत सरकार को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद देते हैं। घर लौटकर अच्छा लग रहा है। ये सभी अफसर कतर की नौसेना को ट्रेनिंग देने वाली एक निजी कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी में काम करते थे। दहरा ग्लोबल डिफेंस सर्विस प्रोवाइड करती है। ओमान एयरफोर्स के रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर खमिस अल अजमी इसके प्रमुख हैं। उन्हें भी 8 भारतीय नागरिकों के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन नवंबर में उन्हें छोड़ दिया गया। गिरफ्तारी से करीब 14 महीने बाद, 26 अक्टूबर 2023 को इन सभी पूर्व नेवी अफसरों को मौत की सजा सुनाई गई थी। 28 दिसंबर 2023 को इनकी मौत की सजा कैद में बदली गई थी। भारतीय दूतावास को सितंबर 2022 के मध्य में पहली बार भारतीय नौसैनिकों की गिरफ्तारी के बारे में बताया गया था। इनकी पहचान कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश के रूप में की गई। 30 सितंबर 2023 को इन्हें अपने परिवार के सदस्यों के साथ थोड़ी देर के लिए टेलीफोन पर बात करने की मंजूरी दी गई थी। पहली बार काउंसलर एक्सेस 3 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तारी के एक महीने बाद मिला। इस दौरान भारतीय दूतावास के एक अधिकारी को इनसे मिलने दिया गया था। 3 दिसंबर 2023 को कतर में मौजूद भारत के ऐंबैस्डर निपुल ने आठों पूर्व नौसैनिकों से मुलाकात की थी। फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार, 8 भारतीयों पर इजराइल के लिए जासूसी करने का आरोप था। अल-जजीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन लोगों पर कतर के सबमरीन प्रोजेक्ट से जुड़ी इनफॉर्मेशन इजराइल को देने का आरोप था। हालांकि, कतर ने कभी आरोप सार्वजनिक नहीं किए। 30 अक्टूबर 2023 को इन नौसैनिकों के परिवारों ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी। तब भारत ने कतर को मनाने के लिए तुर्किये की मदद लेने की कोशिश की। तुर्किये के कतर के शाही परिवार के साथ अच्छे संबंध हैं, इसलिए भारत सरकार ने उसे मध्यस्थता के लिए अप्रोच किया। भारत सरकार ने अमेरिका से भी बात की, क्योंकि रणनीतिक तौर पर अमेरिका की कतर पर ज्यादा मजबूत पकड़ है।

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