सौभाग्य योग में सावन की पहली सोमवारी कल, चतुर्मासिक सोलह सोमवार का व्रत शुरू

पटना। रविवार से शिव के अति प्रिय मास श्रावण मास आरंभ हो गया है। श्रद्धालु भक्ति में सराबोर में रहे हैं। कोरोना महामारी के कारण मंदिर तथा धार्मिक स्थलों को जहां बंद रखा गया है। वही घरों में ही भोलेनाथ की भक्ति, पूजा-आराधना के साथ ॐ नमः शिवाय, हर हर महादेव, बोलबम के जयकारे गूंजने लगे है। कल सावन के प्रथम दिवस में शिव भक्तो ने सीमित संसाधनों में ही भगवान भोलेनाथ को गंगाजल, दूध, दही आदि से स्नान कराकर पुष्प और बेलपत्र अर्पण किया। सावन कृष्ण पक्षं में द्वितीया के क्षय होने से आज दूसरे दिन ही तृतीया तिथि विद्यमान हो गयी है। इस वर्ष सावन में चार सोमवार का अनूठा संयोग बना है। दो सोमवार कृष्ण पक्ष में तो दो शुक्ल पक्ष में होंगे। एक सोमवार जुलाई में तो तीन सोमवार अगस्त माह में पड़ेगे।

सौभाग्य योग में पहली सोमवारी कल

भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के सदस्य कर्मकांड विशेषज्ञ आचार्य पंडित राकेश झा ने कहा कि श्रावण के प्रथम सोमवारी को धनिष्ठा नक्षत्र एवं सौभाग्य योग होने से पुण्यकारी योग बन रहा है। इस योग में शिव को दूध, दही, घी, मधु, ईख के रस व गंगाजल आदि से अभिषेक कर फूल, बेलपत्र, भांग, धथूर, समी,अकवन पुष्प आदि से श्रद्धाभाव से पूजा करने से श्रद्धालुओं को आयु, आरोग्य, यश, वैभव का वरदान मिलेगा। वही सुहागन स्त्रियों को आज शिव-पार्वती की पूजन से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होगी। मिथिलावासी अपने घरों में पार्थिव पूजन भी करेंगे।

रुद्राभिषेक से शिव हरते कष्ट

वैदिक पंडित विकास पाठक ने बताया कि सावन मास के सोमवारी पर कई शुभकारी योग के होने से इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा में दूध तथा गंगाजल से अभिषेक व बेलपत्र अर्पण करने से श्रद्धालुओं के समस्त दोष समाप्त हो जाएंगे। इसके अलावा असाध्य रोगों से छुटकारा, पितृदोष से मुक्ति और व्यवसाय संबंधित समस्याओं में समाधान मिलेगा। महामृत्युंजय मंत्र और गायत्री मंत्र के साथ अभिषेक-पूजन से सभी कष्ट दूर हो जाते है।

दूसरा व चौथा सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि योग

ज्योतिषी झा ने पंचांगों के हवाले से बताया कि सावन मास की प्रथम सोमवार को सौभाग्य योग तो वहीं दूसरा एवं चौथा सोमवारी को सर्वार्थ सिद्धि योग विद्यमान रहेगा। शुक्ल पक्ष में अष्टमी-नवमी एक दिन होने से इस बार सावन 29 दिनों का होगा। सभी योगो में सर्वार्थ सिद्धि योग सबसे उत्तम माना गया है। मान्यता है कि इस योग शुध्द अंतःकरण से भगवान सदाशिव की आराधना करने से मनचाहा वर मिलता है। सभी कार्य सिद्द हो जाते है। खुशहाल वैवाहिक जीवन का आनंद प्राप्त होता है। विशेषकर यह संयोग कुंवारे या जिनकी शादी में विलम्ब हो रहा है, उन्हें जल या दूध में हल्दी मिलकर भगवान शिव को अर्पण करने से मनोकामना पूरा होगा।

स्थिर संपत्ति व सौभाग्य की होगी प्राप्ति

पंडित राकेश झा ने बताया कि इस बार सावन मास में तीन सोमवारी को अति शुभदायक योग में श्रद्धालुओं को भोलेनाथ की पूजा से स्थिर संपत्ति और सौभाग्य की प्राप्ति होगी I प्रत्येक सोमवारी पर रुद्राभिषेक, शिवसहस्रनाम, शिव पंचाक्षर, शिव महिम्न, रुद्राष्टक, शिव कवच तथा शिव तांडव स्त्रोत्र का 108 बार पाठ करने से दरिद्रता का ह्रास और शिव की विशेष कृपा प्राप्त होगी।

मनोकामना पूर्ति के लिए शिव को ये करे अर्पित

पुत्र प्राप्ति के लिए : दूध व घी से अभिषेक तथा धतूरे का फूल
दीर्घायु : अकावन की फूल
सुख प्राप्ति : हरसिंगार का पुष्प
शत्रु नाश : घी व सरसो तेल से अभिषेक तथा कुसुम का फूल
सुयोग्य पत्नी : बेला का फूल
मोक्ष प्राप्ति : आक, अलसी या समीपत्र
लक्ष्मी प्राप्ति : दूध व ईख रस से अभिषेक तथा शंख पुष्प

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