नीतीश कैबिनेट की बैठक में 13 महत्वपूर्ण एजेंडो पर लगी मुहर, जातिगत जनगणना की समय सीमा मई 2023 तक बढ़ी

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कैबिनेट की मीटिंग बुलाई थी। मंत्रिपरिषद की मीटिंग में कई महत्वपूर्ण एजेंडों पर मुहर लगी है। मद्य निषेध विभाग के तहत मोटर बोट, भाड़े पर रखे गए वाहनों के किराया, नए चेक पोस्ट निर्माण, मोबाइल हैंड स्कैनर एवं कॉल सेंटर का टोल फ्री नंबर, मद्य निषेध के प्रचार-प्रसार पर हुए व्यय के लिए 25 करोड़ आकस्मिकता निधि से दी गई है। पटना, भोजपुर सारण एवं अन्य जिलों में अवैध खनन पर नियंत्रण के लिए हाई स्पीड मोटर बोट, चेन एवं अन्य उपस्कर क्राय करने के लिए आकस्मिकता निधि से 5 करोड़ की अग्रिम की स्वीकृति दी गई।
जातिगत जनगणना की समय सीमा मई 2023 तक बढ़ी
बिहार में जातिगत जनगणना की अवधि को बढ़ाया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग के एजेंडे को कैबिनेट ने पास कर दिया। जाति आधारित गणना का कार्य पूर्ण करने के लिए फरवरी 2023 की समय सीमा निर्धारित की गई थी। उसे विस्तारित कर मई 2023 किया गया है। वही बिहार जाति आधारित गणना 2022 के लिए ऐप व पोर्टल निर्माण के लिए परामर्शी के चयन पर अनुमानित खर्च 2 करोड़ 44 लाख 94 हजार 440 बेल्ट्रॉन को भुगतान करने की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।
महाविद्यालय में फूड प्रोसेसिंग एवं प्रिजर्वेशन पाठ्यक्रम के लिए 12 अतिरिक्त शैक्षणिक पदों का हुआ सृजन
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत मुजफ्फरपुर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी मुजफ्फरपुर) में बायो मेडिकल एवं रोबोटिक इंजीनियरिंग लोकनायक जयप्रकाश प्रौद्योगिकी संस्थान छपरा तथा कटिहार अभियंत्रण महाविद्यालय में फूड प्रोसेसिंग एवं प्रिजर्वेशन पाठ्यक्रम के लिए 12 अतिरिक्त शैक्षणिक पदों का सृजन किया गया है। इस तरह से तीनों संस्थान मिलाकर 36 शैक्षणिक पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। वही बिहार के सभी नगर निकायों में अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन योजना के कार्यान्वयन की प्रशासनिक स्वीकृति, राज्य स्तरीय उच्च शक्ति संचालन समिति एवं राज्य स्तरीय तकनीकी समिति के गठन की मंजूरी दी गई है। साथ ही केंद्रांश की राशि 2600 20 करोड़ एवं इसके अनुपातिक राज्य का 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए परियोजना लागत का 75 परसेंट, 1 लाख से 10 लाख तक की आबादी वाले शहरों के लिए परियोजना लागत का दो तिहाई तथा एक लाख से कम आबादी वाले शहर के लिए परियोजना लागत का 50 परसेंट राशि के व्यय की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है।
नीतीश सरकार ने राज्यकर्मियों का महंगाई भत्ता बढ़ाया
बिहार सरकार ने अपने कर्मियों के महंगाई भत्ते में इजाफा किया है। सरकार ने पांचवें वेतनमान के मुताबिक वेतन और पेंशन पाने वालों के महंगाई भत्ते में 15 फ़ीसदी का इजाफा किया है। अब ऐसे कर्मियों और पेंशन धारियों को 381 फ़ीसदी के स्थान पर 396 फ़ीसदी महंगाई भत्ता मिलेगा। यह बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता 1 जुलाई 2022 के प्रभाव से लागू होगा। इसी तरह छठा केंद्रीय वेतनमान के आधार पर वेतन और पेंशन पाने वाले राज्य सरकार के सेवकों और पेंशन भोगियों को भी बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता मिलेगा। अब इन्हें 203 फ़ीसदी के स्थान पर 212 फ़ीसदी महंगाई भत्ता मिलेगा। यह बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता भी 1 जुलाई 2022 के प्रभाव से लागू होगा। आज हुई नीतीश कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई है।

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