PATNA : स्वास्थ्य मंत्री और प्रधान सचिव से वार्ता के बाद भी नहीं टली जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल, आखिर स्टाइपेंड क्यों नहीं बढ़ा रही सरकार?

पटना। स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर बीते एक सप्ताह से जारी राज्य के नौ मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टरों की बेमियादी हड़ताल का असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है। मरीज अस्पतालों से पलायन करने को मजबूर हैं। वहीं हड़ताली जूनियर डॉक्टर अपनी जिद पर अड़े हैं। राज्य सरकार की सख्ती भी इन हड़ताली जूनियर डॉक्टरों को नहीं डिगा पाई।
मंगलवार को भी स्वास्थ्य मंत्री और प्रधान सचिव से मौखिक आश्वासन मिलने के बावजूद जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल नहीं टूटी और वे लिखित आश्वासन देने की मांग की। मरीजों की परेशानी को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के आवास पर जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधियों की बात प्रधान सचिव से फोन पर हुई। इस दौरान पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. बिमल कारक और प्राचार्य डॉ. बीपी चौधरी भी मौजूद थे। उनकी मौजूदगी में प्रधान सचिव ने जूनियर डॉक्टरों को काम पर लौटने का आग्रह किया और कहा कि अगले कुछ दिनों में उनकी मांगों को पूरा कराने का प्रयास किया जाएगा। आईएमए अध्यक्ष के रूप में डॉ. बिमल कारक ने भी जूनियर डॉक्टरों की लड़ाई में उनका साथ देने का भरोसा दिया। साथ ही यह भी लिखित आश्वासन देने को तैयार हुए कि अगले एक महीने में उनके स्टाइपेंड पर ठोस निर्णय नहीं हुआ तो आइएमए उनकी लड़ाई लड़ेगा। उनके तमाम तरह के आश्वासन और आग्रह के बाद भी जूनियर डॉक्टर अपनी जिद पर अड़े रहे और बिना लिखित आश्वासन के काम पर लौटने से साफ मना कर दिया।

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