BIHAR : साहेब शेख ने सीतामढ़ी का नाम किया रौशन, पुस्तक ‘द डेविड आइज’ छात्रों और अभिभावकों के लिए प्रेरणास्रोत

सीतामढ़ी। कोरोना महामारी से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन के दौरान जब लोग अपनी जिंदगी बचाने के लिए जूझ रहे थे, तब बिहार के सीतामढ़ी जिला के मेहसौल गोट मुहल्ला निवासी 16 वर्षीय मो. इफ्तेखार उर्फ साहेब शेख स्कूल-कॉलेज बंद होने से युवाओं के भविष्य को लेकर पैदा हुई समस्या को कलमबंद कर रहे थे। उन्होंने छात्रों की पीड़ा को लेकर ‘द डेविड आइज’ नामक पुस्तक को लिखा, वो छात्रों और अभिभावकों के लिए प्रेरणास्रोत है। यह किताब एक 16 वर्षीय छात्र पर आधारित है, जो एक गलत निर्णय के कारण आत्महत्या कर लेता है।
इस पुस्तक को मिल रही कामयाबी से गदगद साहेब शेख कहते हैं कि ‘द डेविड आइज’ सिर्फ एक किताब नहीं बल्कि भविष्य को लेकर युवा पीढ़ी की चिंताओं एवं समस्याओं का प्रतिबिंब है। मैं चाहता हूं कि छात्र और उनके अभिभावक इस पुस्तक को एक बार जरूर पढ़ें। इससे उन्हें मौजूदा दौर की चुनौतियों को समझने और अपने बच्चों को उसके लिए मानसिक रूप से तैयार करने में मदद मिलेगी।
यूथ कांग्रेस ने किया सम्मानित
नवोदित लेखक साहेब शेख को उनकी अद्भुत प्रतिभा और लेखनी के लिए सीतामढ़ी जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष शम्स शाहनवाज ने शॉल व प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। शम्स ने कहा कि महज 17 वर्ष की उम्र में पुस्तक लिखकर उन्होंने पूरे जिले को गौरवान्वित किया है।
क्या है ‘द डेविड आईज’ की कहानी
यह पुस्तक एक 16 वर्षीय छात्र की कहानी पर आधारित है, जो गलत निर्णय के कारण आत्महत्या कर लेता है। आत्महत्या के बाद वो शैतानी आत्मा बदल कर अपने ही घर में कैद हो जाता है।
मौके पर रहे मौजूद
साहेब शेख के पिता मो. इसराईल उर्फ मुन्ना जी, अफरोज आलम, अवधेश कुमार, दिवाकर कुमार, मो. इरफान, मो. इरशाद आदि मुख्य रूप से मौजूद थे।

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