शिलापट्ट लगवाने से शिक्षा की दशा नहीं सुधरने वाली नीतीश जी : RJD

सरकार प्रारंभिक नियोजित शिक्षकों के सहारे नवम् क्लास के बच्चों को पढ़ाने को मजबूर


पटना। राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि विद्यालयों में मात्र शिलापट्ट लगवा देने से शिक्षा की दशा नहीं सुधरने वाली है। शिलापट्ट लगवा कर मुख्यमंत्री जी अपना चेहरा भले हीं चमका लें, परन्तु जब तक पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जाती और विद्यालयों के आधारभूत संरचना और आवश्यक संसाधन उपलब्ध नहीं करा दिया जाता, यह लोगों के आंखों में धूल झोंकने के समान है। इससे बड़ा हास्यास्पद और क्या हो सकता है कि नवम् क्लास के बच्चे को प्राथमिक विद्यालयों के नियोजित शिक्षक पढायेंगे।
राजद नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा 8386 उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थापित किये जाने की घोषणा की गई है, जिसमें बीते कल 3304 विद्यालयों में मुख्यमंत्री के नाम का शिलापट्ट लगाया गया, पर मुख्यमंत्री यह नहीं बतायें कि बगैर शिक्षक और संशाधन के इन विद्यालयों में नामांकित छात्रों की पढाई कैसे होगी। जबकि नीतीश राज में अभी शिक्षकों के लाखों स्वीकृत पद वर्षों से रिक्त पड़े हैं और सरकार किसी न किसी बहाने शिक्षक नियुक्ति के मामले को उलझाये रखना चाहती है। राजद नेता ने आगे कहा कि 2012 मे ही प्राथमिक विद्यालयों के लिए 95000 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी उतीर्ण छात्रों से आवेदन मांगे गये। अभी तक इन्हें उलझा कर रखा गया है और नियुक्ति नहीं की जा रही है।
राजद नेता ने कहा कि शिक्षकों के स्वीकृत पदों की रिक्तियों के मामले में बिहार देश का अव्वल राज्य बन चुका है। राज्य में प्राथमिक शिक्षकों के 2,12,806 पद, माध्यमिक शिक्षकों के 35,266 पद और उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों के 16,946 पद रिक्त हैं। ये सारे स्वीकृत पद वर्ष 2000 के पूर्व के हैं। जबकि 2000 के बाद प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों की संख्या में 150 से 200 प्रतिशत की बढोतरी हुई है। इसलिए शिक्षकों के स्वीकृत पदों में भी इसी अनुपात में वृद्धि होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार वास्तव में शिक्षा की बदहाली को दूर करने के लिए इच्क्षुक है तो रिक्त पदों पर अविलंब शिक्षकों की नियुक्ति करे। शिक्षकों के बीच फूट डालो और राज करो की नीति छोड़कर समान काम के लिए समान वेतन और समान सम्मान के साथ हीं सेवा शर्त लागू करे।

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