माले ने निकाला एनसीआर-एनपीआर विरोधी मार्च, विधानसभा मार्च सफल बनाने का आह्वान

फुलवारी शरीफ। फुलवारी शरीफ के शहरी इलाके के बाद अब भाकपा माले ग्रामीण, दलित, पिछड़े तबके के लोगों को एनसीआर व एनपीआर सहित सीएए कानून के बारे में जागरूकता अभियान चला रही है। बुधवार को एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ जनजागरण अभियान के तहत परसा पंचायत में भाकपा माले ने पदयात्रा शुरू किया। यह पदयात्रा अबदुलाह चक, झाईचक, छतना पिपरा समेत परसा बाजार इलाके के कई गांवों से होकर गुजरा। माले नेताओं ने इस दौरान ग्राम सभा आयोजित कर ग्रामीण जनता को बताया कि देश में भाजपा के फासीवादी हिन्दू राष्ट्र की परिकल्पना में दलित, पिछड़े, गरीबों, महिलाओं और मुस्लिमों के लिए कोई जगह नहीं है। इतना ही नहीं भाजपा को इसका विरोध भी स्वीकार नहीं है। नेताओ ने कहा कि भाजपा तो शुरू से ही संविधान को नकारती चली आ रही है और अब सत्ता के मद में चूर होकर दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक, घुमंतू, आहर-पगार, नदी किनारे, सड़क किनारे बसे लोगों को देश की नागरिकता का बहाना बनाकर शरणार्थी बनाना चाहती है। नेताओं ने कहा कि जहां 30 करोड़ भूमिहीन हैं, 2 करोड़ गृह विहीन हैं, धुमंतु जाति 15 करोड़ है, करीब 9 करोड़ आदिवासी हैं, जिनके पास कोई दस्तावेज नहीं है। असली बात है कि देश के जनता के मुल मुद्दा से भटकाना है। इसलिए हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई के एकता के बल पर मोदी और नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए 25 फरवरी को विधानसभा सभा का घेराव को सफल बनाएं। सभा को वरिष्ठ नेता शरीफा मांझी, गुरुदेव दास, बनवारी ठाकुर, योगेन्द्र प्रसाद, साधू शरण, देवी लाल पासवान, निर्मला देवी ने संबोधित किया।

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