बिहार सरकार का कैरेक्टर सर्टिफिकेट को लेकर निर्देश अंतर्राष्ट्रीय चर्चा में, प्रशासनिक महकमा सफाई देने में जुटा

पटना। बिहार सरकार का कैरेक्टर सर्टिफिकेट को लेकर एक हालिया निर्देश अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आ गया है। इसे तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर खबरों की तस्वीरों के साथ शेयर करते हुए लिखा- मुख्यमंत्री नीतीश जी को कोटि-कोटि बधाई! बिहार की महान धरा विश्वभर में आपके तानाशाही रवैये के कारण नकारात्मक चर्चा में है। वहीं इसके बाद बिहार का प्रशासनिक महकमा इस निर्देश पर सफाई देने में जुट गया है। बिहार के डीजीपी एसके सिंघल, अपर गृह सचिव आमिर सुबहानी और एडीजी जितेंद्र कुमार ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस पर उक्त निर्देश को स्पष्ट किया है।
सब-कॉन्ट्रैक्ट के लिए लाया गया नियम
डीजीपी ने कहा कि इस आंतरिक अधिसूचना से कॉन्ट्रैक्ट देने के सिस्टम को मजबूत किया गया है, ताकि कोई ‘बैड एलिमेंट’ कॉन्ट्रैक्ट हासिल न कर सके। लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का अधिकार है। इसमें कहीं से कोई शंका नहीं है। सिर्फ एफआईआर में नाम आने से कोई अपराधी नहीं हो जाता है, लेकिन संज्ञेय अपराध, अपराध है। अगर कोई धरना प्रदर्शन में आपराधिक कृत्य करता है तो कारवाई होगी। डीजीपी ने आगे कहा कि बिहार में अब कोई कॉन्ट्रैक्ट लेता है, तो वह फिर किसी और को भी सब-कॉन्ट्रैक्ट दे सकता है। अब जिन्हें सब-कॉन्ट्रैक्ट दिया जाता है, उन्हें भी पुलिस से कैरेक्टर सर्टिफिकेट लेना होगा। कैरेक्टर सर्टिफिकेट को लेकर जो आदेश जारी किया गया था, यह बिहार में पहले से ही लागू है। उसमें कुछ अंश और जोड़ा गया है।
आपका कैरेक्टर है स्वच्छ, तभी मिलेगा टेंडर
अपर गृह सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि टेंडर लेने वाले कम्पनी-व्यक्ति साफ छवि का हो, साथ ही स्टाफ भी स्वच्छ छवि का हो, इसको सुनिश्चित करना होगा, तभी टेंडर मिलेगा। वहीं एडीजी जितेंद्र कुमार ने कहा कि इस संबंध में समय-समय पर क्षेत्रीय इकाइयों को कई निर्देश जारी किये गए थे। एक फरवरी को जारी किया गया निर्देश इसी सिलसिले में था, जिस पर भ्रम की स्थिति पैदा हुई।
कैरेक्टर सर्टिफिकेट में क्या होगा-क्या नहीं
पुलिस मुख्यालय के अनुसार, एक कैरेक्टर सर्टिफिकेट किसी भी तरह के अभ्यर्थी के आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी देता है। इसमें क्या लिखा जाएगा-क्या नहीं, इसके बारे में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। ऐसे अभ्यर्थी, जिनके खिलाफ किसी मामले में जांच के बाद कोई आरोप-पत्र दाखिल नहीं किया गया है, या उन्हें किसी अदालत ने किसी मामले में दोषमुक्त कर दिया है, उसका जिक्र कैरेक्टर सर्टिफिकेट में नहीं किया जायेगा। इन तथ्यों के आधार पर विभिन्न तरह के अभ्यर्थियों (टेंडर-कॉन्ट्रैक्ट लेने वालों, स्थाई-संविदा पर नौकरी) के लिए प्रतिकूल स्थितियां बनेंगी, अगर उन्होंने किसी तरह का आपराधिक कृत्य किया होगा।
सरकारी आदेश में ‘गंभीर परिणामों’ की थी चेतावनी
बिहार सरकार की तरफ से जारी आदेश में सड़क जाम करने वालों, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को सरकारी नौकरी और सरकारी ठेके से वंचित रखने का प्रावधान किया गया है। जारी आदेश के तहत, ‘यदि कोई व्यक्ति विधि-व्यवस्था की स्थिति, विरोध प्रदर्शन, सड़क जाम इत्यादि मामलों में संलिप्त होकर किसी आपराधिक कृत्य में शामिल होता है और उसे इस कार्य के लिए पुलिस के द्वारा आरोप पत्रित किया जाता है तो उनके संबंध में चरित्र सत्यापन प्रतिवेदन में विशिष्ट एवं स्पष्ट रूप से प्रविष्टि की जाए। ऐसे व्यक्तियों को गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहना होगा क्योंकि उनमें सरकारी नौकरी/सरकारी ठेके आदि नहीं मिल पायेंगे।’
अंतर्राष्ट्रीय चर्चा हुई तो करना पड़ा प्रेस कांफ्रेंस
बिहार सरकार के इस ताजा निर्देश की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हुई है। इसे तेजस्वी यादव ने आज फिर सोशल मीडिया पर शेयर किया है। उन्होंने खबरों की तस्वीरों के साथ लिखा – मुख्यमंत्री नीतीश जी को कोटि-कोटि बधाई! गुरु गोविंद सिंह, भगवान महावीर, माता सीता की जन्मभूमि एवं बुद्ध और गांधी की कर्मभूमि तथा विश्व को सर्वप्रथम गणतंत्र का ज्ञान देने वाली बिहार की महान धरा विश्वभर में आपके तानाशाही रवैये के कारण नकारात्मक चर्चा में है। शांत मन से सोच कुछ करिए। तेजस्वी ने आगे लिखा – आदरणीय नीतीश जी, विश्व के जाने-माने अखबार-पत्रिकाएं आपके अलोकतांत्रिक और तानाशाही फैसलों की भर्त्सना कर रहे हैं। शांत चित्त से सोच समझ ही लोकतांत्रिक निर्णय लेना चाहिए। कृपया अपने फैसलों को वापस लीजिए।

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