पटना एसएसपी पूरी टीम के साथ पहुंचे रुपेश सिंह के घर सारण, परिवारवालों से पुलिस की थ्योरी पर सवाल की वजह पूछी

पटना। पटना के हाईप्रोफाइल रुपेश सिंह हत्याकांड के 22 दिनों बाद बीते बुधवार को उद्भेन करते हुए पटना पुलिस ने हत्यारोपी बाइक चोर को मीडिया के सामने पेश कर जो थ्योरी बताई थी, रुपेश के परिवार वालों ने उसे झूठ का पुलिंदा कहा था। रुपेश की पत्नी नीतू सिंह ने तो हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग भी कर दी थी। जिसके बाद बिहार पुलिस की जांच पर कई तरह के सवाल उठने लगे और गुरूवार को ऐसे सवालों से जूझने के बाद पटना के एसएसपी उपेंद्र शर्मा पूरी टीम के साथ शुक्रवार दोपहर सारण पहुंचकर रुपेश सिंह के परिवार वालों से उनकी आपत्तियों की जानकारी ली। एसएसपी ने रुपेश की पत्नी के अलावा घर के अन्य सदस्यों से भी पुलिस की थ्योरी पर सवाल की वजह पूछी। इस मामले में किसी की ओर से कुछ भी सार्वजनिक नहीं किया गया है।
पुलिस ने रोड पर मारपीट कहा, परिवार ने किया था इनकार
बताते चले बुधवार को पटना के धनरुआ के मूल निवासी करोड़पति बाप का बेटा ऋतुराज को मीडिया के सामने करते हुए पटना के एसएसपी ने बताया था कि नवंबर की किसी तारीख को एयरपोर्ट के रास्ते में लोजपा कार्यालय के पास रुपेश की कार और ऋतुराज की बाइक की टक्कर हुई थी। इसके बाद रुपेश-ऋतुराज के बीच मारपीट भी हुई थी। इस घटना के डेढ महीने बाद ऋतुराज ने अन्य तीन लोगों के साथ रूपेश की ताबड़तोड़ गोली मारकर जघन्य तरीके से हत्या की दी। उसके सभी साथी अब तक फरार बताए जाते हैं। मीडिया के समक्ष ऋतुराज ने बताया था कि उसने पहली बार गोली चलायी है और उसने ही रूपेश को 4-5 गोली मारी है। जब पत्रकारों ने पूछा कि उसके साथ रहे अपराधियों ने गोली चलायी थी या नहीं, तो उसने कहा- हम हड़बड़ी में थे, मैंने नहीं देखा की उन लोगों ने गोली चलायी है या नहीं। इस दौरान वह पत्रकारों के सवालों का जवाब सही तरीके से नहीं दे रहा था। उसने यहां तक कहा था कि जो एसएसपी साहब बोल रहे हैं, वह ही सही है।
इंडिगो स्टेशन हेड की हत्या में ऋतुराज के शामिल होने पर रुपेश सिंह के परिजनों ने कोई सवाल नहीं उठाया था, लेकिन उनका कहना था कि रुपेश किसी से तेज आवाज में बात भी नहीं करते थे और एयरपोर्ट के आसपास नवंबर में मारपीट की कोई वारदात भी नहीं हुई थी। पुलिस की इस कहानी के बाद रुपेश के भाई और पत्नी ने कहा था कि उनका स्वभाव ऐसा था कि किसी से सख्त लहजे में बात भी नहीं करते थे। किसी से झंझट हो और रुपेश गाड़ी से उतर किसी को मारें-यह असंभव है। और अगर ऐसा हुआ भी होता तो घर में किसी को जरूर बताते।

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