बिहार के 8386 पंचायतों में 9वें क्लास की पढ़ाई शुरू, महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ाने को कई कदम उठाए : CM नीतीश

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पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड द्वारा पटना में नव निर्मित भवनों का उद्घाटन किया तथा बिहार के सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय के संचालन के उद्देश्य से 3304 अनाच्छादित पंचायतों में कक्षा नवम की पढ़ाई का भी शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने मौलाना मजहरुल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं के आवासन हेतु छात्रावास, शैक्षणिक भवन, प्रशासनिक भवन एवं परीक्षा भवन का भी उद्घाटन किया, साथ ही आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में सेंटर आॅफ एक्सिलेंस की चार शाखाएं- सेंटर आॅफ ज्योग्राफिकल स्टडीज, जर्नलिज्म एंड मॉस कम्यूनिकेशन, नदियों का अध्ययन केंद्र एवं पाटलिपुत्र स्कूल आॅफ इकोनॉमिक्स का उद्घाटन किया तथा आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय परिसर में महान गणितज्ञ आर्यभट्ट जी की प्रतिमा का भी अनावरण भी किया। इसके अलावा चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, पटना में कर्मचारियों के फ्लैट, बालिका छात्रावास का भी उद्घाटन किया गया।
इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों की इच्छा थी कि सभी ग्राम पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय बनें। 8386 पंचायतों में से 5082 ग्राम पंचायतों को माध्यमिक विद्यालय से आच्छादित किया जा चुका था। शेष 3304 पंचायतों में आज से 9वें क्लास की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। 9वें क्लास की पढ़ाई 01 अप्रैल से ही शुरू होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल नहीं खुले हुए हैं। स्कूल खुलने के बाद बच्चे-बच्चियों की पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी। लेकिन नामांकन के प्रक्रिया की शुरूआत अब कर दी जानी चाहिए।


सीएम नीतीश ने कहा कि सरकार में आने के बाद शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी सभी चीजों का आकलन करवाया ताकि कमियों का पता चल सके और उस पर तेजी से काम किया जा सके। हमलोगों ने आकलन करवाया तो पता चला कि 12.5 प्रतिशत बच्चे स्कूलों से बाहर हैं, इनमें ज्यादातर बच्चे महादलित और अल्पसंख्यक वर्ग के हैं। टोला सेवक एवं तालिमी मरकज की बहाली कर बच्चों को शुरूआती जानकारी देते हुए स्कूल भेजा गया। महिलाओं को अक्षर ज्ञान की जानकारी के लिए अक्षर आंचल योजना की शुरूआत की गई। उन्होंने कहा कि माध्यमिक विद्यालय में बच्चियां गरीबी के कारण स्कूल नहीं जा पाती थीं। शुरूआत में 8वीं कक्षा की लड़कियों के लिए पोशाक योजना की शुरूआत की गई, बाद में पहली कक्षा से 12वीं कक्षा की लड़कियों के लिए पोशाक के साथ-साथ जूते-बैग वगैरह का भी इंतजाम कराया गया। जब आकलन कराया गया तो 9वीं क्लास में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या 1 लाख 70 हजार थी। वर्ष 2008 में बालिका साईकिल योजना की शुरूआत की गई। लड़कियां गांव से झुंड में साइकिल से स्कूल जाने लगीं तो दृश्य बदल गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय राज्य का प्रजनन दर 4.3 था और अब घटकर यह 3.2 हो गया है। सर्वे से यह पता चला कि पति-पत्नी में अगर पत्नी मैट्रिक पास है तो देश का औसत प्रजनन दर 2 है और बिहार का भी 2 है। पति-पत्नी में अगर पत्नी इंटर पास है तो देश का औसत प्रजनन दर 1.7 है और बिहार का 1.6 है। इसके बाद निर्णय किया कि अगर सभी लड़कियों को इंटर तक पढ़ाया जाए तो न केवल राज्य का प्रजनन दर कम होगा बल्कि शिक्षित होने से उनका मनोबल भी बढ़ेगा। राज्य में 10 लाख स्वयं सहायता समूह का गठन किया जा चुका है, जिससे 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा महिलाएं जुड़ चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षा के सारे इंतजाम किए गए हैं। एक वर्ग कक्ष को स्मार्ट क्लास रुम के रुप में विकसित करने के लिए टीवी की भी व्यवस्था की जा रही है। जिन विद्यालयों में नए वर्ग कक्ष निर्मित किए गए हैं वहां रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य भी कराया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मतलब सिर्फ पढ़ना नहीं है बल्कि कॉन्शस होना है, ज्ञानी बनना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग पहले की शिक्षा की स्थिति और वर्ष 2005 के बाद किए गए शिक्षा के क्षेत्र में कार्यों की जानकारी नई पीढ़ी को दें। शिक्षा के क्षेत्र में जितना हमलोगों ने ध्यान दिया है, शिक्षा की जितनी प्रगति हुई है इसकी जानकारी सभी लोगों को दें।
कार्यक्रम के दौरान शिक्षा विभाग द्वारा किए गए कार्यों पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई। कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, शिक्षा मंत्री कृष्ण प्रसाद वर्मा. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, योजना विकास विभाग के सचिव मनीष कुमार वर्मा, सूचना जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यसभा सांसद श्री हरिवंश, गृह सामान्य प्रशासन मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय कुमार सिंह, प्राथमिक शिक्षा के निदेशक रंजीत कुमार सिंह, बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष जनाब अब्दुल कय्यूम अंसारी, मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति जनाब मोहम्मद खालिद मिर्जा, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एके अग्रवाल, स्कूल आॅफ ज्योग्राफिकल स्टडीज के निदेशक डॉ. पूर्णिमा शेखर सिंह, स्कूल आॅफ जर्नलिज्म एंड मॉस कम्यूनिकेशन के निदेशक डॉ. इफ्तेखार अहमद, पाटलिपुत्र स्कूल आॅफ इकोनॉमिक्स के निदेशक प्रो. एस0के0 भौमिक, सेंटर आॅफ एक्सिलेंस के सभी निदेशक, भागलपुर, दरभंगा, गया, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, पटना, पूर्णिया, सहरसा, सारण के प्रशासनिक पदाधिकारी, क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी, अन्य शिक्षा पदाधिकारी, इन जिलों के एक-एक पंचायतों के संबद्ध विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एवं विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्य जुड़े हुए थे।

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