बिहार चुनाव : फतुहा को पूर्ण अनुमंडल का दर्जा देने का होगा प्रमुख मुद्दा ?, जानें मतदाताओं की राय

फतुहा। बिहार विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई है। हर राजनीतिक दल अपने-अपने चुनावी शतरंज के बिसात पर रणनीति बनाने में जुटे है। राजनीतिक दलों ने जातीय समीकरणों को टटोलना शुरू कर दिया है। लेकिन इस जातीय समीकरणों के बीच फतुहा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत फतुहा को पूर्ण अनुमंडल का दर्जा दिए जाने का प्रमुख मुद्दा बनना तय माना जा रहा है। कारण कि यह मुद्दा पिछले 17-18 साल से सरकार के कैबिनेट मंजूरी के बाद भी अधर में लटका है।
विदित हो कि 17-18 साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमति राबड़ी देवी ने फतुहा को अनुमंडल का दर्जा देने के लिए कैबिनेट की मंजूरी दी थी। लेकिन उनकी सरकार जाते ही इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। लेकिन वर्ष 2007 में नीतीश कुमार ने फतुहा को पुलिस अनुमंडल का दर्जा देते हुए इसे स्थापित भी कर दिया, उसके बाद से अब तक फतुआ को पूर्ण अनुमंडल का दर्जा प्राप्त नहीं हो सका। आज भी यह मुद्दा जातीय समीकरण के आगे गौण है। इस बार मतदाताओं ने उक्त मुद्दे को जोर-शोर से उठाने का संकल्प लिया है।
मतदाताओं के अनुसार, फतुहा को पूर्ण अनुमंडल का दर्जा नहीं मिल पाने के कारण ही अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा इस शहर का विकास नहीं हो पाया। सोशल टीम के कार्यकर्ता अनिल राज ने बताया कि यदि फतुहा को पूर्ण अनुमंडल का दर्जा प्राप्त हो जाए तो फतुहा प्रखंड के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र का विकास स्वत: होने लगेगा। अनुमंडल स्तर के कई संसाधन स्वत: शहर के साथ जुट जाएंगे। वहीं पूर्व नगर उपाध्यक्ष संजय गोप कहते हैं कि अनुमंडल का दर्जा मिलने पर अनुमंडल स्तर का बहुत सारे कार्यालय मसलन अनुमंडल कोर्ट, अनुमंडलीय निबंधन कार्यालय, भूमि उप समाहर्ता का कार्यालय व अनुमंडल कार्यालय के साथ-साथ जेल की भी स्थापना हो जाएगी। इन सुविधाओं के विस्तार होने से शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों का भी रुतबा बदल जाएगा और किसी भी कार्य के लिए फतुहावासियों को पटना सिटी का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। वहीं समाजसेवी मधु सिन्हा कहती हैं कि अनुमंडल का दर्जा मिल जाने से स्वास्थ्य सेवा का भी विस्तार होगा। अनुमंडलीय अस्पताल की स्थापना हो जाएगी। भूषण प्रसाद ने बताया कि रोजगार में वृद्धि होगी। कई तरह के कार्यालय खुलने पर हर तबके के लोगों को जरुरत के अनुसार रोजगार भी मिल जाएगी।
बताते चले कि फतुहा, दनियावां व खुसरुपुर प्रखंड को मिलाकर फतुहा को पूर्ण अनुमंडल का दर्जा दिए जाने की बात कैबिनेट मंजूरी के समय कही गई थी। आगे देखना है कि यह मुद्दा फतुहा के चुनाव में कितना कारगर होता है।

About Post Author

You may have missed