पीएम मोदी गरीब परिवार में पैदा हुए, इसलिए बिहार के गरीबों की परेशानी को समझा : सुशील मोदी

पटना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गरीब परिवार में पैदा हुए हैं, इसलिए कोरोना काल में उन्होंने बिहार के गरीबों की परेशानी को समझा और उनकी मदद की। संकट के समय जो गरीबों की मदद करता है, गरीब हमेशा उसे याद रखता और आशीर्वाद देता है। गरीब कभी किसी का अहसान नहीं भूलता है। उक्त बातें सुशील कुमार मोदी ने बिहार में पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय की 901 करोड़ रूपये की तीन योजनाओं के प्रधानमंत्री द्वारा शुभारंभ के मौके पर आयोजित वर्चुअल समारोह को संबोधित करते हुए कहा।
उन्होंने वर्चुअल समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना संकट और लॉकडाउन के दौरान केन्द्र व राज्य की सरकारों ने बिहार के गरीबों को 30,451 करोड़ की मदद की है, जिनमें 14,632 करोड़ का 8 करोड़ 71 लाख लोगों को छठ यानी 8 महीने तक दिया जाने वाला मु्फ्त खाद्यान्न और 6,281 करोड़ की नगद सहायता शामिल है। केन्द्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान बिहार के 2 करोड़ 38 लाख महिला जनधन खाताधारकों को 1500 रुपये की दर से 3,545 करोड़ रुपये तथा बिहार सरकार ने 8,538 करोड़ रुपये की नगद मदद की है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि घर-घर बिजली और एलपीजी कनेक्शन का नतीजा है कि आज बिहार में किरासन तेल की खपत 2015-16 की 8 लाख किलो लीटर की तुलना में 63 प्रतिशत घटकर मात्र 2.7 लाख किलो लीटर रह गयी है। 4.26 लाख किलो लीटर किरासन की स्वैच्छिक कटौती के बदले नगद प्रोत्साहन के रूप में भारत सरकार ने बिहार को 107 करोड़ रुपये लौटाया है। कोरोना संकट के दौरान बिहार के 84.91 लाख गरीब महिलाओं को 1,111 करोड़ रुपये का 1 करोड़ 42 लाख रीफिल दिया गया है। इसके अलावा 1.68 करोड़ परिवारों को 610 करोड़ रुपये की अरहर दाल, 86 लाख 40 हजार प्रवासी मजदूरों को 337 करोड़ रुपये का 10-10 किलो चावल, 36 लाख 64 हजार वृद्ध, विधवा व दिव्यांग पेंशनधारियों के खाते में एक-एक हजार की दर से 364 करोड़ रुपये, तथा पीएम किसान निधि की पहली किस्त के तौर पर 59 लाख किसानों को 1260 करोड़ रुपये की सहायता केन्द्र सरकार ने कोरोना संकट के दौरान की है।

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