BIHAR : जिला मुख्यालयों में धरना पर बैठे ट्रक व्यवसायी, किसानों के तर्ज पर आंदोलन की चेतावनी

पटना। बिहार सरकार द्वारा 14 चक्के से अधिक के ट्रक से गिट्टी और बालू के ढुलाई पर लगी रोक को ट्रक आपरेटर संघ ने तुगलकी फरमान करार दिया है और कहा है कि इस फरमान का हर स्तर पर विरोध होगा। सरकार अपनी जिद पर अड़ी रही तो अनिश्चतकालीन ट्रक परिचालन बंद भी किया जा सकता है।
गुरूवार को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में ट्रक व्यवसायी आंदोलन का रूख अख्तियार करते हुए धरना पर बैठ गए और सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि मांगें नहीं माने जाने पर पंजाब के किसानों के तर्ज पर पांच जनवरी से पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर में घेरा डालो-डेरा डालो आंदोलन की शुरूआत करेंगे और राज्य के सभी सीमा को सील करके ट्रकों की आवाजाही पर रोक लगा देंगे। हालांकि परिवहन व्यवस्था को बाधित नहीं होने दिया जाएगा।
ट्रक आॅपरेटर संघ के प्रदेश अध्यक्ष भानू शेखर प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार के काला कानून के कारण ट्रक व्यवसायियों की हालत बुरी हो गयी है। लाखों लोग बेरोजगार होने के कगार पर आ गए हैं। इससे सरकार के राजस्व पर बुरा प्रभाव पड़ने लगा है। तेल की खपत कम हो गई है, सेल टैक्स में कमी आ गई है। ठेकेदार का कार्य प्रभावित हो गया है। मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। सरकार मांगों पर विचार करें। ट्रक व्यवसायी राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में धरना पर बैठे हैं। जिलाधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगें की तरफ सरकार का ध्यान आकृष्ट कराएंगे। भानू शेखर ने आगे कहा कि गुरुवार की शाम से 27 दिसंबर के बीच जनप्रतिनिधयों को ज्ञापन सौंपकर काला कानून से अर्थतंत्र पर पड़ने वाले बुरा प्रभाव की तरफ ध्यान आकृष्ट कराया जाएगा। स्थानीय विधायकों, सांसदों, मंत्रियों को ज्ञापन सौंपा जाएगा। 28 दिसंबर को राज्यभर से ट्रक व्यवसायी पटना पहुंचेंगे और गर्दनीबाग धरनास्थल पर धरना देंगे। आज पटना में धरना कार्यक्रम नहीं है।

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