खुलासा : एक करोड़ की फिरौती के लिए मामा, भाई और मौसा ने किया अपहरण, 13 अपहर्ता गिरफ्तार

मुजफ्फरपुर। एक करोड़ की फिरौती के लिए किए गए 11 साल के छात्र के अपहरण का खुलासा पुलिस ने सफलतापूर्वक कर लिया है। इस मामले में दर्जन भर से अधिक अपहर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। मुजफ्फरपुर के साहेबगंज के जिराती टोला से अगवा छात्र चाहत कुमार (11) को शिवहर के तरियानी छपरा के पचरा गांव से पुलिस ने बरामद किया। अपहरण के 48 घंटे बाद बुधवार की अहले सुबह उसे मुक्त कराने के साथ पुलिस ने 13 अपहर्ताओं को धर दबोचा। इनमें छात्र के रिश्ते का मामा, दो ममेरे भाई, मौसा व एक बैंक मैनेजर का पुत्र शामिल है। अपहर्ताओं को शिवहर व मुजफ्फरपुर के अलग-अलग थाना क्षेत्र से पकड़ा गया है। पुलिस ने सभी आरोपितों को कोर्ट में पेशकर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
एसएसपी जयंतकांत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह पूरा मामला संपत्ति हड़पने के लिए रची गई थी। अपहृत छात्र चाहत के रिश्ते के मामा और सगे मौसा ने मिलकर अपहरण की साजिश रची थी। वे चाहत के नाना योगेंद्र राय की संपत्ति पर नजर गड़ाए हुए थे। नाना ने मई 2020 में चाहत के नाम पर कुछ जमीन गिफ्ट की थी। इससे विवाद उत्पन्न हुआ। इसके बाद मौसा सुरनर राय और मामा मुनीलाल राय ने संपत्ति के लिए चाहत के अपहरण की साजिश रची। इसमें मुनीलाल राय ने अपने दोनों बेटों रोहित व राहुल कुमार को भी शामिल किया। इन दोनों ने अपने दोस्त को शामिल किया और वारदात को बीते 30 अगस्त को अंजाम दे दिया। पूरे मामले का खुलासा बैंक मैनेजर के पुत्र की गिरफ्तारी के बाद हुआ।
एसएसपी ने बताया कि फिरौती के लिए नगर थाने के छाता बाजार से कॉल की गई थी। वैज्ञानिक अनुसंधान के बाद छाता बाजार से पारू स्थित एक बैंक के मैनेजर के पुत्र अभिनव जायसवाल को गिरफ्तार किया गया। मोबाइल व सिम बरामद किया गया। अभिनव से सख्ती से पूछताछ की गई। उसने साथियों के नाम भी बताए, साथ ही चाहत को शिवहर के तरियानी के पचरा गांव में छिपाए जाने की भी जानकारी पुलिस को दी। इस आधार पर पुलिस की दो टीमों ने छानबीन की और चाहत को सकुशल बरामद किया। इसके बाद मुशहरी के नरौली से मनीष कुमार और मामा मुनीलाल राय के बेटे रोहित कुमार को पकड़ा गया।
एसएसपी ने बताया कि अभिनव व रोहित से पूछताछ की गई तो रोहित ने बताया कि उसने अपने दोस्त अभिनव व मनीष के माध्यम से सिवाईपट्टी थाने के शीतलपट्टी के दिलीप कुमार उर्फ सत्या और गुड्डू को चाहत को किडनैप करने के लिए राजी किया। दोनों ने ब्लू बाइक से रोहित के इशारे पर 30 अगस्त की दोपहर करीब दो बजे चाहत का अपहरण किया। रोहित व राहुल ने चाहत को रुपये लाने का झांसा देकर उनलोगों के हवाले कर दिया। अपहरण के बाद चाहत को शिवहर के तरियानी स्थित पचरा गांव में रहने वाली सत्या की मौसी रानी उर्फ संजू देवी के घर छिपा दिया। वहां पचरा के कविंद्र कुमार, विलास राम, शीतलपट्टी के छोटू कुमार व अमलेश कुमार के हवाले कर दिया। इसके बाद वे वहां से फरार हो गए।
पूछताछ के दौरान रोहित व अन्य ने पुलिस को कई बिंदुओं पर गुमराह करने का प्रयास किया। पहले तो अनभिज्ञता जतायी। फिर सख्ती से पूछताछ के बाद बताया कि कविंद्र ने चाहत को मोतिहारी जिला के चकिया या फिर तरियानी के पचरा में छिपाया है। पुलिस की दो टीम आनन-फानन में गठित की गई और दोनों जगह छापेमारी हुई। इस दौरान पचरा से अपहर्ता चाहत को लेकर निकल चुके थे, लेकिन पुलिस की नाकेबंदी को भेद नहीं सके और सभी एक साथ पकड़े गए। इससे पहले पुलिस ने चाहत के मौसा को पकड़कर पूछताछ कर चुकी थी।
क्या था मामला : 30 अगस्त की दोपहर को बाइक सवार अपहर्ताओं ने चाहत को उसके नाना योगेंद्र राय के घर के दरवाजे से अपहरण कर लिया था। 31 अगस्त को मां चंपा देवी के बयान पर एक मोबाइल धारक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू की थी। इसके बाद एसएसपी की ओर से सिटी एसपी नीरज कुमार सिंह के नेतृत्व में गठित टीम ने छानबीन शुरू की। टीम में सरैया एसडीपीओ राजेश कुमार शर्मा, मीनापुर इंस्पेक्टर, साहेबगंज थानेदार राजू कुमार, सिवाईपट्टी थानेदार संतोष कुमार, दारोगा सुनील कुमार श्रीवास्तव, मो. रुस्तम, प्रशिक्षु दारोगा सोनू कुमार गुप्ता, तकनीकी सेल के आनंद कुमार व अन्य शामिल थे।

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