कोरोना संकट के बीच पटना एम्स में हड़ताल, कोविड मरीजों का इलाज भगवान भरोसे

करीब 400 की संख्या में नर्सिंग स्टाफ अपनी मांगों को लेकर एम्स के गेट पर करते रहे प्रदर्शन, कोविड मरीजों की इलाज व्यवस्था चरमराई


फुलवारी शरीफ। कोरोना संकट के बीच पटना एम्स के साढ़े चार सौ से अधिक कॉन्ट्रेक्ट पर काम करने वाले नर्सिंग स्टाफ हड़ताल पर चले गए हैं। कोरोना महाआपदा काल में राज्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे पटना एम्स अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ के हड़ताल से सरकार संशय में पड़ गई है तथा जनता भयभीत हो गई है। समान काम-समान सुविधा और समान वेतन की मांग पर अड़े हड़ताली नर्सिंग स्टाफ ने एम्स मुख्य द्वार के पास सड़क पर आकर बातचीत करने पहुंचे एम्स निदेशक और मेडिकल सुपरिटेंडेंट की भी बातें नहीं मानी। वेतन वृद्धि समेत कई सुविधाओं की मांग को लेकर हड़ताल पर उतरे एम्स के नर्सिंग स्टाफ के कारण कोविड मरीजों के इलाज पर बुरा असर पड़ा और पूरी इलाज व्यवस्था चरमराकर रह गयी। मरीजों को वार्डो में इलाज के दौरान भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। वहीं मरीजों के परिजन बाहर में बेचैन होते रहे।


बता दें बिहार में कोरोना संकट को लेकर पटना एम्स को कोरोना हॉस्पिटल घोषित कर दिया गया है और फिलहाल यहां पर कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है। एम्स में इलाज कराने वालों में मंत्री, विधायक से लेकर कई अधिकारियों का यहां पर इलाज चल रहा है। इतना ही नहीं, बिहार-झारखंड के आलावा आसपास के राज्यों से भी मरीजों का कोरोना का इलाज एम्स में हो रहा है। ऐसे संकट के समय आउटसोर्सिंग पर बहाल हुए नर्सिंग स्टाफ की समान काम-समान वेतन और समान सुविधा की डिमांड को पूरा करने में एम्स निदेशक ने मानने से यह कहकर इंकार कर दिया कि उनकी मांगों को पूरा करना उनकी बस के बाहर की बात है। निदेशक ने कहा कि इसके अलावा कोविड और दूसरे मरीजों की इलाज के लिए वे अपनी तरफ से वैकल्पिक व्यवस्था कर रहे हैं। पटना एम्स में आउटसोर्सिंग पर करीब साढ़े आठ सौ स्टाफ काम करते हैं और परमानेंट वाले स्टाफ की कमी है, जिससे ऐसी परिस्थितियों में एम्स में मरीजों का इलाज अब भगवान भरोसे ही चल रहा है।
वहीं फुलवारी शरीफ एसएचओ रफीकुर रहमान ने कहा कि नर्सिंग स्टाफ को मनाने के प्रयास में एम्स प्रशासन और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की बातचीत चल रही है। प्रशासन ने सुरक्षा के पूरे इंतजाम कर रखे हैं और हड़ताली कर्मचारियों को एम्स गेट से हटाकर सड़क के दूसरे ओर कर दिया गया है, जिससे एम्स में आने-जाने में कोई परेशानी नहीं हो।

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