एनडीआरएफ ने बाढ़ में फंसे महिलाओं, बच्चों, बूढ़ों समेत 800 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला

पटना। बिहार में बाढ़ से आयी आपदा को लेकर एनडीआरएफ की 21 टीमें सूबे के 12 जिलों में तैनात हैं। अब तक 800 से अधिक बाढ़ प्रभावित लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है। बता दें गोपालगंज और पटना जिले में 3-3 टीमें, पूर्वी और पश्चिम चंपारण, सारण, दरभंगा तथा सुपौल जिले में 2-2 टीमें और कटिहार, किशनगंज, अररिया, मधुबनी तथा मुजफ्फरपुर जिले में एक-एक टीम की तैनाती की गयी है।
एनडीआरएफ के 9वीं बटालियन के कमांडेंट विजय सिन्हा ने बताया कि एनडीआरएफ की टीमें जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर गोपालगंज, सुपौल, पूर्वी व पश्चिम चंपारण जिलों में रेस्क्यू आपेरशन चलाकर अब तक 800 से अधिक बाढ़ प्रभावित लोगों को रेस्क्यू बोट से निकालकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है। इनमें महिलाओं, बच्चों तथा वृद्धों की संख्या अधिक हैं। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू आॅपरेशन के दौरान एनडीआरएफ के कर्मियों द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर एहतियात भी बरता जा रहा है।
कमांडेंट विजय सिन्हा ने एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि 22 जुलाई को पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया में तैनात 9वीं बटालियन एनडीआरएफ के टीम कमांडर सुधीर कुमार के नेतृत्व में सिकराहना प्रखंड में रात में ही रेस्क्यू आॅपेरशन चलाकर सिकराहना नदी में आयी बाढ़ में फंसे चार लोगों को बचाया गया। उन्होंने बताया कि सिकराहना नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि होने से चार बुजुर्ग मजदूर एक ईंट भट्ठे के टापू पर फंस गये थे। ईंट भट्ठे का इलाका बाढ़ के पानी से चारों ओर से घिर चुका था। जैसे-जैसे रात ढल रही थी, उनकी चिंता बढ़ती जा रही थी। भयाक्रांत होकर मदद के लिए वे लोग चिल्ला कर गुहार लगा रहे थे। सूचना मिलते ही एनडीआरएफ के जांबाज बचावकर्मी रात में लगभग 10 बजे घटनास्थल पर पहुंच कर चारों लोगों (65 वर्षीय हरेंद्र साह, 60 वर्षीय उमेश बारी, 64 वर्षीय जमीर मियां व 63 वर्षीय राम बालक चौधरी) को रेस्क्यू बोट से सुरक्षित निकाला।

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