उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश से की मुलाकात, आगामी रणनीति और एनडीए में सीट शेयरिंग पर हुई चर्चा

पटना। बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ तेज़ होती जा रही हैं। इसी क्रम में हाल ही में राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। यह मुलाकात मुख्यमंत्री आवास पर हुई, जहाँ केंद्रीय मंत्री ललन सिंह भी मौजूद थे। लगभग आधे घंटे तक चली इस बैठक को उपेंद्र कुशवाहा ने ‘शिष्टाचार भेंट’ बताया, लेकिन इसे केवल औपचारिक मुलाकात मानना आसान नहीं है, क्योंकि इसके पीछे कई राजनीतिक संकेत छिपे हो सकते हैं।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीते कुछ समय से एनडीए के नेताओं से लगातार मुलाकात कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने भाजपा और अन्य घटक दलों के नेताओं से भी चर्चा की थी। इस कड़ी में उपेंद्र कुशवाहा को मुख्यमंत्री आवास पर बुलाया जाना और उनके द्वारा इस निमंत्रण को स्वीकार कर पहुँचना, आगामी रणनीति और सीट बंटवारे को लेकर संभावित वार्ताओं की ओर इशारा करता है। गौरतलब है कि एनडीए में अब तक विधानसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग को लेकर कोई ठोस फैसला नहीं हुआ है। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पटना आकर एनडीए नेताओं की बैठक की थी, लेकिन तब भी सीट बंटवारे पर कोई चर्चा नहीं हुई थी। उस बैठक के बाद जीतनराम मांझी ने दिल्ली जाकर अमित शाह से मुलाकात की और जून-जुलाई में सीट बंटवारे की बात कही थी। उपेंद्र कुशवाहा ने भले ही अब तक सीट शेयरिंग को लेकर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है, लेकिन कुछ समय पहले वाल्मीकि नगर में उन्होंने राजनीतिक मंथन किया था, जिसके बाद उन्होंने यह कहा था कि यदि एनडीए का रुख ऐसा ही रहा, तो लोकसभा की तरह विधानसभा चुनाव में भी नुकसान उठाना पड़ सकता है। यह बयान काफी मायने रखता है, क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने काराकाट सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए थे। उनके खिलाफ भोजपुरी स्टार पवन सिंह खड़े हुए थे, जिससे समीकरण पूरी तरह बदल गया और एनडीए को कई सीटों पर नुकसान हुआ।2020 के विधानसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा ने अलग मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ा था और खुद को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन उन्हें एक भी सीट पर सफलता नहीं मिली थी। इसके बाद वे दोबारा एनडीए में शामिल हुए और अब राज्यसभा सांसद हैं। ऐसे में नीतीश कुमार के साथ उनकी मुलाकात को भविष्य की रणनीति और सीट बंटवारे की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है।

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