राज्य के 500 थानों में बनकर तैयार हुआ महिला हेल्प डेस्क, 26 को मुख्यमंत्री करेंगे शुभारंभ

पटना। राजधानी पटना समेत राज्य के थानों में महिला हेल्प लाइन और महिला थाना के अलावा उन्हें एक और ऐसा डेडिकेटेड प्लेटफॉर्म मिलने जा रहा है, जहां सिर्फ उनकी ही समस्याओं को सुना जाएगा। उनकी समस्याओं के आधार पर उसका निपटारा किया जाएगा। अगर मामला पुलिस का होगा तो वो कार्रवाई करेगी। अगर समस्या काउंसलिंग के जरिए खत्म होने वाली है तो उसका निपटारा उसी हिसाब से ही होगा। इसके लिए महिला विकास निगम की कांउसलर की मदद ली जाएगी। यह जानकारी बुधवार को इसकी पुष्टि सीआईडी में कमजोर वर्ग की एडीजी आर मल्लर विलि ने दी। एडीजी ने कहा की जिस विभाग से जुड़ी महिलाओं और लड़कियों की समस्या होगी, संबंधित उस विभाग से उनके मामलों का निपटारा कराया जाएगा। बस महिलाओं को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए थाना जाना होगा। क्योंकि, बिहार के थानों में खासकर महिलाओं के लिए एक हेल्प डेस्क बनाया गया है। वर्तमान में यह व्यवस्था राज्य के 500 थानों में की गई है। जिसका उद्घाटन 26 फरवरी को बिहार पुलिस दिवस के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे।
हर साल दर्ज होते हैं 19-20 हजार मामले
एडीजी से जब पूछा गया कि बिहार में पिछले तीन सालों में महिलाओं के प्रति अपराध के मामले घटे हैं या बढ़े हैं? इस पर स्पष्ट जवाब तो उन्होंने नहीं दिया। मगर, इतना बताया कि हर साल बिहार में रेप, घरेलू हिंसा, छेड़खानी जैसे 19 से 20 हजार के करीब महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध के मामले दर्ज किए जाते हैं। इन मामलों का निपटारा भी होता है। जैसे-जैसे महिलाओं को लग रहा है कि उनकी बातों और समस्याओं को सुना जा रहा है, वो आगे आ रही हैं। हम से भी महिलाएं आकर मिलती हैं।

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