नालंदा में 70 वर्षीय महिला हुई कोरोना संक्रमित, राज्य में कुल सक्रिय मरीजों की संख्या हुई 5

पटना। वैश्विक स्तर पर बढ़ रहे कोरोना के मामले स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए गंभीर चिंता का कारण बने हुए हैं। भारत में भी नए वैरिएंट जेएन.1 के कारण जोखिम बढ़ता जा रहा है। गोवा, कर्नाटक और केरल में संक्रमण के सबसे ज्यादा केस दर्ज किए जा रहे हैं, हालिया रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी दिल्ली में भी इस नए वैरिएंट के पहले मामले की पुष्टि की गई है। वहीं बिहार में कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। लंबे समय के बाद फिर एकबार कोरोना ने बिहार में दस्तक दे दी है। पिछले कुछ दिनों में जांच के दौरान कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए हैं। पटना में एक और कोरोना मरीज मिलने के बाद बिहार में कोविड संक्रमितों की संख्या बढ़कर 5 हो गयी है। कोविड को लेकर बिहार सरकार की ओर से जारी गाइड लाइन के तहत नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोविड टेस्ट किया जा रहा था। इसी दौरान 70 वर्षीय महिला संक्रमित पायी गयी। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जांच का दायरा बढ़ाने को कहा गया है। हालांकि वर्तमान में सर्दी खांसी, बुखार के मरीजों की संख्या की तुलना में जांच काफी कम किये जा रहे हैं। बता दें कि पटना के छोटे सरकारी अस्पतालों में शामिल शास्त्रीनगर एलएनजेपी हड्डी अस्पताल, राजेंद्र नेत्रालय, गर्दनीबाग, न्यू गार्डिनर रोड आदि सरकारी अस्पतालों में अभी कोरोना की जांच शुरू नहीं की गयी है। जबकि इन अस्पतालों में रोजाना करीब 500 से अधिक सर्दी, खांसी व बुखार के मरीज इलाज कराने आते हैं। पटना में मिली कोरोना मरीज अगमकुआं के महिला है। संक्रमित महिला को होम आइसोलेशन में रखा गया है। मंगलवार को विभाग में जांच के लिए संग्रह किये गये 38 सैंपल आये थे। इसमें एक संक्रमित मिला है। संक्रमित महिला की ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ सरोज कुमार ने बताया कि दीघा निवासी महिला तुलसी मंडी में अभी रह रही है। वह नेत्र विभाग में आंख का ऑपरेशन कराने के लिए आयी थी। बता दें कि इससे पहले चार मरीज बिहार में कोरोना संक्रमित मिले हैं।बिहार में कोरोना का तीसरा केस भी सामने आया है। गोपालगंज की एक महिला कोरोना संक्रमित पायी है। स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। तीनों मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। दुनियाभर में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के बीच, चीन में कथित तौर पर जेएन.1 के कारण मृत्यु दर में वृद्धि देखी जा रही है। देश के शवदाह गृह कोविड-19 से मौतों में वृद्धि के कारण चौबीसघंटे काम कर रहे हैं। चीनी अधिकारी इस बात की पुष्टि नहीं कर रहे हैं कि मौत के मामले कोरोना से संबंधित है। हालांकि ज्यादातर मृतकों में कोरोना की पुष्टि की भी खबर है। ओमिक्रॉन वैरिएंट का ही एक म्यूटेटेड रूप माना जा रहा जेएन.1 अधिक संक्रामकता और आसानी से शरीर में वैक्सीन से बनी प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देने वाला पाया गया है। इसकी प्रकृति को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में वर्गीकृत किया है। जेएन.1 को लेकर अब तक हुए अध्ययनों में पाया गया है कि वैसे तो इसके कारण गंभीर रोग विकसित होने का खतरा कम है, पर ये वैरिएंट तेजी से फैल सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर अलर्ट करते हुए सभी लोगों को बचाव करते रहने की सलाह दी है।

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