विश्वेश्वरैया भवन में भीषण अगलगी कांड की जांच शुरू, साजिश या फिर शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी आग?, रेस्क्यू किए गए एक सफाईकर्मी की मौत

पटना। विश्वेश्वरैया भवन में लगी भीषण अगलगी कांड की जांच शुरू हो गई है। दो अलग-अलग टीम यह पता लगाने में जुटी है कि आग कैसे लगी? क्या इसके पीछे कोई साजिश थी या फिर वाकई में शॉर्ट सर्किट की वजह से भयानक आग लगी? इस प्वाइंट पर फायर ब्रिगेड की टीम जांच कर रही है। होमगार्ड सह फायर की डीजी शोभा अहोतकर खुद अपनी टीम की तरफ से किए जा रहे जांच की मॉनिटरिंग कर रही हैं। जबकि दूसरी टीम यह पता लगाने में जुटी है कि अगलगी की इस घटना से सरकार को कितने का नुकसान हुआ? बता दें बीते बुधवार को बेली रोड पर पुनाईचक स्थित विश्वेश्वरैया भवन के 5वें और 6वें फ्लोर पर आग लगी थी। आग की वजह से चौथे फ्लोर पर भी नुकसान हुआ। रह-रह कर कई बार आग अचानक से धधकने लगी थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार की शाम खुद विश्वेश्वरैया भवन पहुंचे थे। उन्होंने खुद से पूरा मुआयना किया था। इस पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड की टीम को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। नुकसान का पता लगाने के लिए राज्य सरकार के निर्देश पर बड़े अधिकारियों की दूसरी टीम बनाई गई है। इनकी रिपोर्ट आने के बाद ही असल में कितना का नुकसान हुआ, इसका पता चल पाएगा।
रेस्क्यू किए गए सफाईकर्मी की मौत
इधर, विश्वेश्वरैया भवन ( तकनीकी सचिवालय) में लगी आग में दम घुटने से सफाईकर्मी ब्रजेश कुमार (50 वर्ष) की मौत हो गई। उसे पहले से दमा की बीमारी थी। भीषण आग के दौरान पुलिस और फायरब्रिगेड के जवानों ने सफाईकर्मी को रेस्क्यू कर निकाला था। बेहोशी की हालत में ब्रजेश कुमार को पीएमसीएच में भर्ती करवाया गया था, जहां इलाज के दौरान गुरुवार को उसकी मौत हो गई। वह पटना में ही जक्कनपुर इलाके का रहने वाला था। मृतक के परिजनों का आरोप है कि रेस्क्यू के बाद ब्रजेश कुमार को अस्पताल में भर्ती नहीं करवाया गया। कुछ देर के लिए लाश को लेकर परिवार वाले विश्वेश्वरैया भवन पहुंच गए थे। गेट के बाहर कुछ देर के लिए हंगामा किया। इसके बाद पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

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