कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ का पार्टी से इस्तीफा, बोले- राम का अपमान बर्दाश्त नहीं

नई दिल्ली। कांग्रेस को लोकसभा चुनाव से पहले एक और बड़ा झटका लगा है। तेजतरार राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। गौरव ने इस्तीफा देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को एक लंबी चौड़ी चिट्ठी भी लिखी है। उन्होंने कहा कि जब मैंने पार्टी ज्वाइन की थी तब की कांग्रेस और अब की कांग्रेस में जमीन आसमान का अंतर आ गया है। गौरव वल्लभ ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी अपनी राह भटक गई है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से मैं पार्टी में कोई सही स्टैंड नहीं ले पा रहा हूं। पार्टी में बौद्धिक और नए आइडिया वाले युवाओं की कद्र नहीं हो रही है। पार्टी ग्राउंड लेवल पर किसी से कनेक्ट नहीं कर पा रही है। गौरव वल्लभ ने इसी के साथ कांग्रेस पार्टी के सत्ता से दूर रहने का कारण भी बताया। उन्होंने कहा कि पार्टी मजबूत विपक्ष तक की भूमिका सही से नहीं निभा पा रही है, जिससे आम कार्यकर्ता नाराज है। उन्होंने कहा कि बड़े नेताओं और जमीनी कार्यकर्ताओं में दूरी बड़ गई है, जिससे पार्टी को नुकसान होता जा रहा है और वो सत्ता से दूर रह रही है। गौरव वल्लभ ने चिट्ठी में आगे लिखा कि वो अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में न जाने के कांग्रेस पार्टी के स्टैंड से भी काफी खफा थे। उन्होंने कहा कि वो जन्म से हिंदू और शिक्षक हैं, राम का अपमान नहीं सह सकते। उन्होंने कहा कि पार्टी के कुछ नेता सनातन के विरोध में बोलते हैं और पार्टी का उसपर चुप रहना उसे मौन स्वीकृति देने जैसा है। गौरव ने कहा कि पार्टी अब दिशाहीन हो गई है, मैं सुबह शाम सनातन का विरोध और देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली देते हुए नहीं सुन सकता हूं। पार्टी का ग्राउंड लेवल कनेक्ट पूरी तरह से टूट चुका है, जो नए भारत की आकांक्षा को बिल्कुल भी नहीं समझ पा रही है। इसी वजह से पार्टी न तो सत्ता में आ पा रही और न ही मजबूत विपक्ष की भूमिका निभा पा रही हैं। बड़े नेताओं और जमीनी कार्यकर्ताओं के बीच की दूरी पाटना बेहद कठिन है, जो कि राजनैतिक रूप से जरूरी है। जब तक एक कार्यकर्ता अपने नेता को डायरेक्ट सुझाव नहीं दे सकता तब तक किसी भी प्रकार का सकारात्मक परिवर्तन संभव नहीं है।’ राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस ने गौरव वल्लभ को उदयपुर सीट से मैदान में उतारा था। उनके लिए पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने चुनाव प्रचार किया था। इसके बावजूद वे बीजेपी के ताराचंद जैन से 32 हजार से ज्यादा वोटों से हार गए थे। इसके अलावा 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने गौरव को जमशेदपुर पूर्वी सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ मैदान में उतारा था। हालांकि, तब भी वे जीत नहीं पाए थे।

About Post Author

You may have missed