मुंगेर में 50 सालों के बाद मिले भालू के दो नवजात बच्चे, लोगों ने ठंड से बचाकर वन विभाग को सौंपा

मुंगेर। मुंगेर के धरहरा के जंगल में काले भालू के 2 नवजात बच्चे मिले हैं। दोनों ही 10-12 दिनों के हैं। आसपास कोई दूसरा भालू या इनकी मां नहीं मिली है। स्थानीय लोगों ने दोनों बच्चों को वन विभाग के हवाले कर दिया है। यह इलाका भालू संरक्षित क्षेत्र है। लेकिन बीते 50 सालों में यहां कोई भालू नहीं देखा गया था। अब अचानक 2 नवजात के मिलने से इलाके में तरह-तरह की चर्चा हो रही है। वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो मुंगेर और पड़ोसी लखीसराय जिले के करीब 50 किमी इलाके के जंगल भालू के प्रजनन एवं विकसित होने के लिए उपयुक्त हैं। इनमें हवेली खड़गपुर के भीम बांध वाले जंगल, गंगटा जंगल एवं धराहरा के जंगल भालू के लिए अनुकूल हैं। इन्हें आजादी के पहले से ही भालूओं के लिए संरक्षित किया गया है।

जानकारी के अनुसार भालू के बच्चे गोरिया गांव निवासी आदिवासी लकड़हारे अजय कोड़ा को सोमवार को मिले। अजय कोड़ा ने कहा कि हम जंगल में प्रतिदिन जाते हैं। सोमवार को जब हम जंगल से लौट रहे थे तो भालू के दो बच्चों को पेड़ के नीचे रोते हुए देखा। दोनों बच्चों को देखकर मुझे दया आ गई। काफी ठंड का मौसम था और यह दोनों ठिठुर रहे थे। इसकी मां का कोई अतापता नहीं था। मैंने दोनों भालू के बच्चों को घर में सुरक्षित रखा और गर्मी का इंतजाम कर वन विभाग को सूचित कर दिया। वन क्षेत्र पदाधिकारी जंग बहादुर राम ने बताया कि अजय कोड़ा ने हमलोगों को सूचना दी। सूचना के बाद वन विभाग की टीम ने दोनों बच्चों को सुरक्षित रख लिया है। भालू के बच्चे काफी डरे हुए हैं। उन्हें उचित देखभाल दी जा रही है।

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