बीपीएससी टीआरई-3 के दोनों पालियों की परीक्षा रद्द, अधिसूचना जारी

  • परीक्षा से पहले लीक पेपर: झारखंड में सॉल्वर गैंग के साथ पकड़े गए थे 300 अभ्यर्थी, 10 लाख मे हुई डील

पटना। बिहार में 15 मार्च को हुई बीपीएससी शिक्षक भर्ती की परीक्षा रद्द कर दी गई है। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा शिक्षक भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण की परीक्षा 15 मार्च, 2024 को 02 (दो) पालियों में आयोजित की गई थी। इसके लिए बुधवार को आधिकारिक अधिसूचना भी जारी कर दी गई। बता दे कि शिक्षक बहाली के तीसरे चरण की परीक्षा होने के साथ ही इसका विवाद शुरू हो गया था क्योंकि ऐसी आशंकाएं जताई जा रही थी कि परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्र लीक हो गए हैं जिसके कारण दावे किए जा रहे थे की परीक्षा को जल्द रद्द कर दिया जाएगा जिस पर आयोग ने बुधवार को अपनी मोहर लगा दी। इस मामले को लेकर लगातार बिहार पुलिस नए-नए खुलासे कर रही थी और कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था, जिसके बाद आयोग द्वारा अंततः परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में बीपीएससी की तरफ से नोटिफिकेशन जारी किया गया है, जिसमें 15 मार्च को आयोजित दोनों पालियों की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। इस मामले को लेकर लगातार बिहार पुलिस नए-नए खुलासे कर रही थी और कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था, जिसके बाद आयोग द्वारा अंततः परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया गया है। बता दे की इसके पहले बीते शुक्रवार को दो पालियों में परीक्षा हुई थी। परीक्षा में शामिल होने बिहार आ रहे करीब 250 से 300 परीक्षार्थियों को हजारीबाग में शुक्रवार की सुबह हिरासत में लिया गया था। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम ने यह कार्रवाई की है। अब एक्शन शुरू हो गया है। हालांकि अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। पेपर लीक की बात जांच में सच होती है तो तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा रद्द भी हो सकती है। इन अभ्यर्थियों को परीक्षा से संबंधित प्रश्न पत्र पहले से उपलब्ध करा दिए गए थे। इन्हें हजारीबाग के दो होटलों में रुकवा कर प्रश्नों के उत्तर रटवाए गए थे। आशंका है कि प्रश्नपत्र छात्रों को उपलब्ध कराने के बाद पिछले दो दिनों से पढ़ाया जा रहा था। ये अभ्यर्थी बिहार के विभिन्न जिलों से हजारीबाग पहुंचे थे। शुक्रवार की सुबह इन अभ्यर्थियों को बिहार स्थित अपने एग्जाम सेंटर पहुंचना था। इसके बाद आर्थिक अपराध इकाई और बिहार पुलिस के सघन जांच में इस बात की जानकारी सामने आई की प्रश्न पत्र प्रिंट आउट होने से पहले ही संबंधित प्रिंटिंग प्रेस से प्रश्न पत्र वायरल हो गए थे और पेनड्राइव के माध्यम से अलग-अलग जगह पर सॉल्वर गैंग के द्वारा इसे पहुंचा दिया गया था। इसके बाद लगातार सोशल मीडिया तथा अन्य प्लेटफार्म से शिक्षक नियुक्ति के तीसरे चरण की परीक्षा रद्द करने की मांग की जा रही थी जिसको देखते हुए आयोग ने बुधवार को रद्द करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया। हालांकि अभी भी इस मामले में जांच जारी है और ऐसा बताया जा रहा है कि पुलिस जल्द ही पूरे मामले का खुलासा कर दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी।
बीपीएससी शिक्षक भर्ती का पेपर लीक,10-15 लाख में डील
बिहार में पेपर सॉल्वर गैंग के अब तक के सबसे बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। आर्थिक अपराध ईकाई (ईओयू), बिहार पुलिस और झारखंड पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन में सॉल्वर गैंग नेटवर्क के लगभग 300 अभ्यर्थियों और संगठित गिरोह को हिरासत में लिया गया था।ये सभी कैंडिडेट ‌बीपीएससी की ओर से आयोजित बिहार शिक्षक नियुक्ति परीक्षा टीआरई-3 के एग्जाम में शामिल होने वाले थे। इसके बाद ईओयू ने सभी को पटना सिविल कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने जेल भेजा। इस संबंध में ईओयू ने विभिन्न धाराओं के तहत 16 मार्च को एफआईआर दर्ज किया था। वही इसके पहले आर्थिक अपराध ईकाई (ईओयू), बिहार पुलिस और झारखंड पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन में 24 घंटे के भीतर सॉल्वर गैंग नेटवर्क के लगभग 300 अभ्यर्थियों और संगठित गिरोह को हिरासत में लेकर पूछताछ की। इसके बाद ईओयू ने देर रात पटना सिविल कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने जेल भेजा। ये सभी कैंडिडेट बीपीएससी की ओर से आयोजित बिहार शिक्षक नियुक्ति परीक्षा टीआरई-3 के एग्जाम में शामिल होने वाले थे।
परीक्षा से पहले ही लीक हो चुका था पेपर
जांच में पाया गया कि 15 मार्च को हुई बीपीएससी टीआरई 3.0 का प्रश्न-पत्र कोलकाता स्थित प्रिंटिंग प्रेस से ही लीक हुआ था। इस मामले में गिरफ्तार मास्टरमाइंड विशाल कुमार चौरसिया ने प्रिंटिंग प्रेस के कुछ कर्मियों की मदद से अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर पेपर आउट करवाया था। पेपर की प्रिंटिंग पूरी होने से पहले ही पेन ड्राइव में इसे लाया गया था और बाहर लाकर इसे प्रिंट किया गया। इस वजह से इसमें सुरक्षा कोड या बार कोड नहीं है। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की जांच में यह बात सामने आई थी कि लीक हुए प्रश्नपत्र पर बार कोडिंग या सुरक्षा कोड नहीं थे। इससे साफ जाहिर हो गया था कि पेपर प्रेस में छपने के पहले ही आउट हो गए थे। 15 मार्च को आयोजित की गई बीपीएससी शिक्षक भर्ती का प्रश्न-पत्र पहले ही ऑउट हो चुका था।
जांच एजेंसी की रिपोर्ट में पेपर लीक होने की पुष्टि
इससे पूर्व बिहार लोक सेवा आयोग ने ईओयू से पीपर लीक से संबंधित पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध कराने की मांग की थी। आयोग ने बताया है कि इसके संबंध में ईओयू ने पत्राचार के माध्यम से आयोग को बताया है कि नियमानुसार अनुसंधान के क्रम में प्राप्त किए गए। साक्ष्य को वह आयोग के समक्ष साझा नहीं कर सकता। जांच एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में पेपर लीक होने की बात कही है जिसको देखते हुए आयोग ने दोनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द कर दी है।
जल्द जारी होगी परीक्षा की तिथि
गौरतलब है कि तीसरे चरण की शिक्षक बहाली में लगभग 88 हजार शिक्षकों के पद के लिए वैकेंसी निकली है। 15 मार्च की परीक्षा रद्द होने के बाद आयोग ने कहा है की परीक्षा की अगली तिथि जल्द ही बताई जाएगी। मध्य और माध्यमिक के लिए पूर्व से भी परीक्षा की कोई तिथि घोषित नहीं है। अभ्यर्थी और शिक्षाविद मांग कर रहे हैं कि जिस प्रिंटिंग प्रेस में 15 मार्च की क्वेश्चन पेपर की छपाई हुई है, अगली परीक्षा के प्रश्न पत्र को लेकर वहां छपाई नहीं होनी चाहिए। बाहर हाल अब देखना है कि आयोग नई परीक्षा की तिथि कब जारी करता है।

About Post Author

You may have missed