PATNA : नाटक त हम कुंवारे रहें…ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया

पटना। कालिदास रंगालय में सोमवार को शाम नाटक त हम कुंवारे रहे ने एक बार फिर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया और गुदगुदाया भी। हंसते-हंसते पेट फूल रहा था। बात ऐसी हो रही थी कि बार-बार तालिया भी बज रही थी और अभिनय भी ऐसा की देखते बन रहा था। वही सूत्रधार की टीम ने खूब रंग जमाया नीरज कुमार के निर्देशन में नाटक का मंचन हुआ। दहेज पर चोट नाटक अपने पहले दृश्य से ही प्रभाव छोड़ने में सफल रहा। बाप बेटे के तू-तू, मैं-मैं से नाटक की शुरुआत हुई। इस बीच मंच पर चटाई ओढ़ कर बैठा ज्ञान गुण सागर की धमाकेदार एंट्री हुई इस अंदाज में ज्ञान गुण सागर उछल कर खड़ा हुआ कि दर्शक जोर-जोर से तालियां बजाने लगे। वही उसके बाद बाप बेटे मैं बड़ी बहू को मायके से लाने के लिए फिर तू-तू, मैं-मैं से शुरू हो गई। आखिरकार निर्णय हुआ की बड़ी बहू को मायके से लाने के लिए छोटा भाई ज्ञान गुण सागर जाएगा और इस तरह कहानी आगे बढ़ने लगी ज्ञान गुण सागर अपने भाई के ससुराल गया लेकिन ऐसा उल्टा सीधा जवाब दिया कि सब परेशान हो गए। सब लोग समझ गए कि बड़का दामाद चल बसा फिर क्या था ससुराल में कोहराम मच गया रोना-धोना शुरू जब वापस अपने घर आया तो वहां भी तमाशा खड़ा किया। खुद के विवाह करने के लिए ऐसा ऐसा बात बोला रहा था कि उसके बाबूजी का माथा चकराने लगा इधर बाबू जी कह रहे थे कि छोटे बेटे की शादी बिना दहेज के करेंगे लेकिन ज्ञान गुण सागर तो अलबेला था। परिस्थिति ऐसी हुई कि जैसे तैसे बिन पैसे की शादी करनी पड़ी।

वही इस रोमांचक और हास्य व्यंग रचना को युवा कलाकारों ने अपने अंदाज में मंच पर प्रस्तुत कर लोगों को अचंभित कर गया। नाटक में वेशभूषा और मंच सज्जा भी नाटक को गति प्रदान कर गया। वही इस कार्यक्रम का उद्घाटन वरिष्ठ रंग निर्देशक एवम पटना संग्रहालय के पूर्व निदेशक परवेज अख्तर, दूरदर्शन पटना के निदेशक राज कुमार नाहर, साहित्यकार अशोक प्रियदर्शी, वरिष्ठ रंगकर्मी प्रमोद त्रिपाठी, कथाकार अवधेश प्रीत, हाल ही में उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार से सम्मानित रूबी खातून, बिहार आर्ट थिएटर के सचिव कुमार अभिषेक रंजन ने संयुक्त रूप से किया। अतिथियों का स्वागत सूत्रधार के महासचिव एवं बिहार कला पुरस्कार भिखारी ठाकुर पुरस्कार विजेता नवाब आलम ने एवम मंच संचालन पत्रकार प्रसिद्ध यादव ने किया। वही इस मौके पर अस्ता नन्द सिंह, मो. सदीक विनोद शंकर मिश्र, शोएब कुरैशी, नाटक के कलाकार, शशि भूषण कुमार, टीपू पांडे, दीपक कुमार, नीरज कुमार, सुधीर कुमार सिंह, रत्नेश कुमार, धीरज कुमार, दीपक गुप्ता, रंजन सिंह, आनंद मोहन, निशांत कुमार, आराधना, दिव्या सिंह, सेजल भारती ने खूब मनोरंजन कराया तो परदे के पीछे से प्रकाश परिकल्पना रैन मार्क मंच परिकल्पना अजय सिन्हा, अंजुम इमाम, सैफ अली एवम परिधान आदर्श, जुनैद का शानदार रहा।

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