कुढ़नी उपचुनाव में बीजेपी ने केदार गुप्ता को दिया टिकट, आज करेंगे नामांकन

मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर में कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव की तारीखों का ऐलान के बाद ही बिहार में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। बीते दिनों महागठबंधन ने साझा प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर इस उपचुनाव में जदयू की ओर से मनोज कुशवाहा को टिकट दिया था जिसके बाद से यह कयास लगाए जा रहे थे कि बीजेपी भी जल्दी अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा करेगी। इसी बीच कल से इस प्रकार की खबरें सामने आ रही थी की पार्टी इस उपचुनाव में केदार गुप्ता को टिकट देने जा रही है। इसी बीच आज बीजेपी ने इस बात की औपचारिक घोषणा करते हुए कुढ़नी उपचुनाव में केदार गुप्ता के नाम का औपचारिक ऐलान कर दिया है। बीजेपी ने लेटर जारी कर इसका ऐलान किया है। आज बीजेपी की ओर से केदार गुप्ता नामांकन करने जा रहे हैं। वहीं, जेडीयू की बात करें तो दो दिन पहले उन्होंने मनोज कुशवाहा को अपना उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि 2015 में केदारनाथ गुप्ता ने जेडीयू प्रत्याशी मनोज कुशवाहा को हरा कर विधायक बने थे। उस वक्त जेडीयू और आरजेडी में गठबंधन था। वहीं, 2020 में केदारनाथ गुप्ता मात्र 720 वोटों से आरजेडी प्रत्याशी अनिल साहनी से पराजित हुए थे। जानकारी के अनुसार, इस संबध में पार्टी की उम्मीदवारी को लेकर जिला भाजपा कोर ग्रुप की बैठक जिला कार्यालय में हुई थी। भाजपा जिलाध्यक्ष रंजन कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में पूर्व विधायक केदार गुप्ता की उम्मीदवारी पर मुहर लगाई गई थी। 2015 में जीतने के बाद पिछले चुनाव में भी वे मामूली अंतर से हार गए थे। उनके नाम के प्रस्ताव की जानकारी से जिला कोर ग्रुप ने प्रदेश नेतृत्व को अवगत करा दिया है। इसके अलावा वैसे सभी नेता एवं प्रमुख कार्यकर्ताओं की जवाबदेही तय की गई जो चुनाव कार्य में लगेंगे। जिला से लेकर बूथ स्तर तक के लगभग 300 कार्यकर्ताओं को प्रमुख जिम्मेदारी दी गई है।

इस संबध में भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री के विकासवादी एजेंडे को प्रमुखता देते हुए जिले के सभी नेता एवं कार्यकर्ता कुढ़नी में पार्टी को जीत दिलाने को संकल्पित हैं। हम भारी मतों से कुढ़नी में जीत दर्ज करेंगे। पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा कि पूर्व के चुनाव में भाजपा को हर समाज के मतदाता ने वोट किया। पहली बार भाजपा को मोकामा में इतना बड़ा जनमत आया है। स्पष्ट है कि कुढ़नी में कमल खिलेगा, लेकिन हमें और मेहनत करने की जरूरत है। घर-घर संपर्क एवं मतदाताओं से सीधा संवाद स्थापित करना आवश्यक है।

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