अररिया में कबाड़ी दुकान में छापेमारी कर पुलिस ने 57 चापाकल समेत चोरी की तीन बाइक की बरामद, एक गिरफ्तार

अररिया। बिहार के अररिया जिलें के नरपतगंज प्रखंड के घूरना थाना अंतर्गत घूरना बाजार स्थित एक कबाड़ी की दुकान में पुलिस ने छापेमारी कर तीन बाइक सहित 57 पीस चापाकल बरामद की है। वहीं, दुकान से एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। घूरना थानाध्यक्ष राजनंदनी ने चापाकल की लगातार हो रही चोरी के मद्देनजर क्षेत्र में संचालित अवैध कबाड़खाने की सूची इकट्ठा करने के बाद बुधवार को एक कबाड़खाने में छापेमारी कर 57 पीस नए-पुराने चापाकल एवं तीन बाइक को बरामद किया है। इसके साथ ही कबाड़खाना से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। थानाध्यक्ष ने बताया कि लगातार पथराहा, घुरना में चापाकल की चोरी की शिकायत मिल रही थी। इसी क्रम में एक कबाड़खाना में छापेमारी कर 57 पीस चापाकल को बरामद कर थाने लाया गया तथा आरोपी पर कानूनी कार्रवाई की गई। इस संबंध में एसपी ने पूर्व में घूरना समेत सभी थानेदारों को क्षेत्र में संचालित कबाड़खानों की सूची बनाकर छापेमारी करने के निर्देश दिए थे। इसी के आलोक में छापेमारी की गई और बड़ी मात्रा में चापाकल बरामद हुए। घूरना थानाध्यक्ष ने कहा कि यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। ज्ञात हो कि पथराहा पंचायत से लगातार चापाकल चोरी की घटना सामने आ रही थी। बीते एक सप्ताह पूर्व दो चापाकल के साथ वार्ड संख्या सात निवासी मु. सज्जाम को घूरना थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री का अवैध कारोबार
इन कबाड़ी दुकानों में चोरी के सामान के अलावा परिवहन और पुलिस विभाग से बिना एनओसी लिए पुराने वाहनों की खरीद और बिक्री का अवैध कारोबार फल-फूल रहा है। कई वाहन मालिक टैक्स बकाया रहते वाहनों को कबाड़ के भाव बेच देते हैं। ऐसे में परिवहन विभाग टैक्स वसूली के लिए गाड़ी खोजती रह जाती और गाडियां स्क्रैप के भाव में बिक जाती हैं, जिससे लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान होता है। नियम के मुताबिक, हर पुराने वाहन को कबाड़ में बेचने से पहले परिवहन विभाग का रजिस्ट्रेशन निरस्त कराना पड़ता है। कबाड़ियों द्वारा निर्धारित नियमों का उल्लंघन कर वाहनों की खरीदी-बिक्री की जा रही है। कबाड़ में खरीदी-बिक्री से पहले न तो कबाड़ वाले उसकी पड़ताल करते हैं न ही पुलिस विभाग के अधिकारी। कबाड़ी कम कीमत पर ऐसे वाहन खरीदते हैं और स्क्रैप बनाकर अधिक दामों में बेच देते हैं।

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