जो शिक्षक बच्चों को नहीं पढ़ाएंगे उन्हें बाहर कर दिया जाएगा : सीएम नीतीश

  • राज्य में शिक्षकों की नियुक्ति का काम तेजी से चल रहा है, नए शिक्षक जल्द होंगे नियुक्त : नीतीश
  • 2006 से ही हम लोग मौलाना अबुल कलाम आजाद के सपने को आगे बढ़ा रहे हैं : मुख्यमंत्री

पटना। बिहार के ज्ञान भवन में शिक्षा दिवस- 2022 समारोह आयोजित की गई। देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलामा अबुल कलाम आजाद की जयंती पर बिहार से ही शिक्षा दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत हुई। 2008 से पूरे देश में आज की तारीख को शिक्षा दिवस के रूप में मनाई जाती है। समारोह का उद्घाटन सीएम नीतीश कुमार ने किया। इस मौके पर वित्त मंत्री विजय चौधरी व शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर मौजूद रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला किया और कहा कि वे लोग अपनी बात को ही रखना चाह रहे हैं। उनलोगों को आजादी की लड़ाई से कोई मतलब नहीं रहा। मुख्यमंत्री ने शिक्षा दिवस के अवसर पर शिक्षकों को चेताते हुए कहा कि जो लोग बच्चों को नहीं पढायेंगे उन्हें निकाल दिया जायेगा, हमें वैसे शिक्षकों की कोई जरूरत नहीं। जो शिक्षक पढ़ायेंगे उनका तनख्वाह भी बढ़ायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने कह दिया है कि और शिक्षकों की नियुक्ति करें। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले बिहार से मौलाना अबुल कलाम आजाद की जंयती को शिक्षा दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत हुई। इसके बाद हमने केंद्र सरकार से आग्रह किया। तत्कालीन मानव संसाधन मंत्री अर्जुन सिंह ने हमारी बात मानी और 2008 से देश भर में मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिवस पर शिक्षा दिवस मनाया जाने लगा। आजादी की लड़ाई में इनकी बड़ी भूमिका थी। देश में एकता और अमन चैन को लेकर इन्होंने काम किया था। देश आजाद हुआ और जब सरकार बनी तो शिक्षा मंत्रालय का जिम्मा इन्हें दिया गया था। इन्होंने नए-नए संस्थानों की स्थापना कराई। इस देश में शिक्षा का जो काम हुआ है उसकी शुरुआत उन्होंने ही की थी। इतना दिन बीतने के बाद और इतनी बड़ी भूमिका होने के बाद भी इनके बारे में लोगों ने नहीं सोचा। हमने उनके जन्म दिवस के मौके पर शिक्षा दिवस मनाना शुरू किया। इसके बाद 2008 से पूरे देश में शिक्षा दिवस का आयोजन होने लगा। हमको जब काम करने का मौका मिला तो 2006 से पढ़ाई को हम लगातार आगे बढ़ा रहे हैं।
नए शिक्षण संस्थानों की स्थापना को लेकर लगातार काम किया जा रहा : सीएम नीतीश
नीतीश कुमार ने कहा कि पढ़ाई होनी चाहिए, शिक्षकों की बहाली होनी चाहिए, शिक्षा संस्थानों की शुरुआत होनी चाहिए। इन सब पर लगातार काम किया जा रहा है। जब हम सरकार में आए तो पता चला कि पांचवी क्लास के आगे कोई जाता ही नहीं है। लड़कियां पढ़ती ही नहीं है। पहले काफी कम संख्या में लड़कियां स्कूल जाती थी। बालिका शिक्षा को बढ़ाने के लिए हमने कई तरह की योजना को लाया। अब नतीजा यह हुआ कि बड़ी संख्या में लड़कियां न सिर्फ हाई स्कूल तक बल्कि उच्च शिक्षा ग्रहण कर रही हैं ।अब तो लड़का और लड़की बराबर रूप से पढ़ रहे हैं। हमको लगा कि मौलाना साहब ने जो काम कराया था हमको उसी को आगे बढ़ाना है। शिक्षकों की बहाली की गई है। लोगों ने मांग किया कि शिक्षकों की और बहाली होनी चाहिए। जल्दी बहाली होगी। नीतीश कुमार ने अधिकारियों से कहा कि आप इसे देख लीजिए।
हम चाहते हैं कि लड़कियां खूब भी पढ़े : सीएम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम चाहते हैं कि लड़कियां खूब पढ़े। लड़कियां अगर पढ़ लेंगी तो प्रजनन दर घट जाएगा। अभी प्रजनन दर 2.9 पर है, पहले यह 4 से ऊपर था। लेकिन जैसे-जैसे लड़कियां शिक्षित हो रहीं, प्रजनन दर में कमी आ रही है। सीएम नीतीश ने कहा कि यहां शिक्षक और प्रोफेसर लोग हैं। हम उनसे आग्रह करेंगे कि आप लोग बच्चे बच्चियों को अच्छे से पढ़ाईए। आप लोगों का तनख्वाह भी हम बढ़ाएंगे। लेकिन आप लोग लड़का लड़की को पढ़ाइए। आजकल तो सारा काम नई टेक्नोलॉजी पर हो गया है। यह सब तो करिए, लेकिन स्कूल में जाइए और पढ़ाइए। सब पढ़ाई कागज पर और मोबाइल पर नहीं। सीएम नीतीश ने कहा कि अब बताइए, खाली मोबाइल पर सब जाता है। अभी हमारे नेता जितने बैठे हुए हैं सब मोबाइल पर रहते हैं। जब मंत्री थे तो मोबाइल देखते थे। जब देखे कि सब लोग मोबाइल में फंस गया है तो हम मोबाइल छोड़ दिए।
जो स्कूल में नहीं पढ़ाते हैं उनको निकाल दीजिए
नीतीश कुमार ने बिहार के शिक्षकों को चेताते हुए कहा कि हमने मंत्री और सचिव से कह दिया है कि जो स्कूल में नहीं पढ़ाते हैं उनको निकाल दीजिए, कोई जरूरत नहीं है। अगर वह पढ़ायेंगे तो और ज्यादा दीजिए पैसा, ताकि कोई दिक्कत ना हो। पहले शिक्षकों की कितनी बहाली थी अब हम लोग कितने लोगों को बहाल कर रहे हैं। हम तो एक पिछड़ा राज्य हैं, यह तो अलग बात है। लेकिन हम लोग हर क्षेत्र में मेहनत कर रहे हैं। सरकार का जो भी बजट होता है उसमें सबसे अधिक खर्चा शिक्षा पर होता है। अभी 21 परसेंट है लेकिन हम लोग चाहते हैं कि बजट का 25 परसेंट शिक्षा पर खर्च हो।
मुख्यमंत्री का भाजपा पर तंज, कहा- उनको पता है कि आईआईटी कैसे बना
सीएम नीतीश ने अपने कामों का बखान करते हुए कहा कि मेरे कहने पर तत्कालीन केंद्र सरकार ने बिहार में आईआईटी बनाया। हमने आईआईटी के लिए जमीन दी। पटना में एनआईटी भी किसके प्रसायस से बना, हमने ने तत्कालीन पीएम अटली जी और मंत्री मुरली मनोहर जोशी से कहा दोनों ने हमारी बात मानी और एनआईटी बना। भाजपा नेताओं पर तंज कसते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि किसी को मालूम है कि आईआईटी कैसे बना है। ऐसे ही बोलते जा रहा है। दिल्ली में जो लोग हैं वह नया टेक्नोलॉजी पर अपनी ही बात रखना चाहते हैं। नीतीश कुमार ने अपने अधिकारियों से कहा कि नई टेक्नोलॉजी में वह सब बात भी डलवा दें। उन लोगों को आजादी की लड़ाई से कोई लेना-देना नहीं। आजादी के पुरानी चीजों को भूल जाएंगे क्या वह लोग। बिहार में आजादी के बारे में भी सारी बात नई टेक्नोलॉजी पर डलवाते रहिए, ताकि लोग भूलेगा नहीं। जिनको आजादी की लड़ाई से कोई लेना-देना नहीं वह लोग अपनी बात रखना चाहते हैं।

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