पटना हाई कोर्ट के हस्ताक्षेप के बाद BPSC ने प्रधान शिक्षक परीक्षा की स्थगित, 13 जिलों के 212 केन्द्रों पर 22 दिसंबर को होनी थी परीक्षा

पटना। BPSC ने प्रधान शिक्षक परीक्षा स्थगित कर दी है। यह लिखित प्रतियोगिता परीक्षा 22 दिसंबर को होने वाली थी। वही आयोग ने कहा है कि अपरिहार्य कारणों से परीक्षा स्थगित की जाती है। बताते चले कि गुरुवार को पटना हाईकोर्ट ने 40 हजार 506 पदों के लिए होने वाली प्रधान शिक्षक भर्ती नियमावली पर सवाल उठाया था और कहा था कि यह ठीक नहीं है इसे फिर से बनाएं। इसके बाद ही शुक्रवार को BPSC ने परीक्षा रद्द कर दी है।
कोर्ट ने ये सवाल पूछा था सरकार से
बता दें कि याचिकाकर्ता उर्दू टीईटी परीक्षा में उत्तीर्ण हुए थे। 2021 में जारी की गई इससे जुड़ी नियमावली में अनुभव की न्यूतम 8 वर्ष की अवधि को मनमानीपूर्ण कहते हुए प्रधान शिक्षक नियमावली की वैधानिकता को चुनौती दी थी। वही पटना हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए गुरुवार को पूछा था कि 18 अगस्त 2021 को जारी की गई नियमावली को कानून का दर्जा देने से पहले क्या इसके प्रारुप को प्रकाशित कर पब्लिक ऑब्जर्वेशन या सजेशन मांगा था या नहीं। वही कोर्ट के इस सवाल पर सरकार की ओर से स्वीकारा गया था कि ऐसा नहीं किया गया। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि ऐसी नियमावली एक व्यापक शिक्षक और उनके वर्ग को प्रभावित करने वाली होती है। ऐसे नियम को जारी करने से पूर्व या उसे कानूनी रूप देने से पहले सरकार को खुलेआम पब्लिक के बीच में सलाह मशविरा या ऑब्जर्वेशन लेना चाहिए था। पटना हाईकोर्ट ने नियमावली को बेअसर करार दिया।
13 जिलों के लिए 212 केन्द्रों पर 22 दिसंबर को परीक्षा की तैयारी थी
बता दें कि BPSC ने इस परीक्षा से जुड़ी कई बड़ी तैयारियां पूरी कर ली थीं। वही 13 जिलों के 212 केन्द्रों पर 22 दिसंबर को परीक्षा ली जानी थी। इससे पहले इस परीक्षा की तिथि 18 दिसंबर तय थी, लेकिन निकाय चुनाव की वजह से तिथि बढ़ायी गई थी। अनुमान था कि अगले सत्र 2023-24 से प्रारंभिक स्कूलो में प्रधान शिक्षक मिलने लगेंगे। अब नियमावली में बदलाव करने में कितना समय लगेगा कहना मुश्किल है। 20 मई तक 1.07 लाख शिक्षकों ने इस परीक्षा के लिए आवेदन किया था।

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