सुपौल में पुल गिरने पर तेजस्वी यादव का तंज़, बोले- पुल गिरना डबल इंजन की सरकार की पुरानी परंपरा हैं
पटना। सुपौल में निर्माणाधीन देश के सबसे बड़े सड़क पुल का स्लैब गिरने की घटना के बाद इसको लेकर सियासत शुरू हो गई है और विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हो गए हैं। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी यादव ने इस घटना को लेकर शुक्रवार को सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बिहार में सुपौल-मधुबनी के भेजा-बकौर के बीच कोसी नदी पर 1200 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन पुल गिरने से एक बड़ा हादसा हो गया जिसमें कई श्रमिकों के दबने, घायल एवं मृत्यु होने की सूचना मिली है। भारत माला प्रोजेक्ट के तहत कोसी नदी में निर्माणधीन एशिया के सबसे बड़े बकोर भेजा का सिग्मेंट टूटकर गिर गया। घटना शुक्रवार सुबह 6:40 गोपालपुर सिरे पंचायत के मरीचा गांव के पास हुई। सदर एसडीएम इंद्रवीर कुमार ने एक मजदूर के मौत होने की पुष्टि की है। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि शुक्रवार सुबह पिलर संख्या 153 और 154 के बीच सुबह-सुबह कंपनी के मजदूर सिगमेंट चढ़ाने में जुटे थे। इसी दौरान सीगमेंट टूट कर गिर गया। प्रत्यक्ष दर्शन की माने तो सेगमेंट टूटते ही भागीदार मच गई पुलों के नीचे जो लाइनर का काम कर रहे थे उसके दबे होने की संभावना बनी हुई है। सदर एसडीएम इंद्रवीर कुमार ने बताया कि भेजा की तरफ से क्रेन मंगवाया जा रहा है उसके बाद ही कितने लोग दबे हैं, इसकी पुष्टि की जा सकेगी। घटना के करीब 2 घंटे बाद प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस के पहुंचने से लोगों में नाराजगी है। फिलहाल घटनास्थल पर सदर एसडीएम के अलावा एसडीपीओ और भारी संख्या में पुलिस पहुंच चुकी है। उधर, पिपरा विधायक रामविलास कामत भी पहुंचे। जिला प्रशासन रेस्क्यू में जुट गया है। हादसे के बाद कंपनी के स्टाफ से लेकर अधिकारी तक मौके से फरार हो चुके हैं। इस पूरे मामले में सुपौल के एसपी ने बताया कि छह लोग घायल हुए हैं जिनको इलाज के लिए अस्पताल लाया गया है. बताया जा रहा है कि सुपौल के बकोर में यह पुल बन रहा है। जानकारी के अनुसार इस पुल का का काम ट्रांस रेल कंपनी कर रही है। 412.23 करोड़ की लागत से कुल 10.5 किलोमीटर का पुल जबकि 2.5 किमी एप्रोच भी है। इसे भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बनाया जा रहा है। यह पुल सुपौल के बकोर से मधुबनी के भेजा तक बनना है।