BIHAR : गंभीर रूप से बीमार नवजातों के लिए वरदान साबित हो रहा SNCU, 50762 शिशुओं को मिला जीवनदान

पटना। बिहार में स्वास्थ्य विभाग नवजात शिशुओं के मृत्यु दर में कमी लाने के लिए लगातार प्रयासरत है। सरकारी अस्पतालों में नवजातों के लिए इलाज की व्यवस्था को बेहतर बनाया जा रहा है। शून्य से लेकर 28 दिनों तक के गंभीर रूप से बीमार नवजातों को समुचित इलाज उपलब्ध कराने के लिए सरकारी अस्पतालों में बनाए गए एसएनसीयू (स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट) वरदान साबित हो रहा है। पिछले दो सालों के दौरान एसएनसीयू में समुचित इलाज उपलब्ध होने के कारण 50,762 नवजातों को जीवनदान मिला।
10 मेडिकल कॉलेज और 34 सदर अस्पताल में सुविधा उपलब्ध
बाल स्वास्थ्य के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. बीपी राय ने बताया कि प्रदेश के 10 मेडिकल कॉलेज और 34 जिले के सदर अस्पताल में एसएनसीयू संचालित हैं। वेंटिलेटर, आॅक्सीजन समेत सभी तरह की आधुनिक सुविधा से लैस एसएनसीयू में 24 घंटे विशेषज्ञ डॉक्टर और नर्स तैनात रहते हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 और 21-22 में कुल 50,762 गंभीर रूप से बीमार नवजातों का सफल इलाज किया गया। दोनों वित्तीय वर्ष में कोविड जैसे वैश्विक महामारी का प्रभाव काफी होने के बाद भी एसएनसीयू में नवाजतों का इलाज सुचारू रूप से चलता रहा। कोरोना संक्रमण से पहले वर्ष 2018-19 में 26,864 और 2019-20 में 30098 नवजात शिशुओं को लाभ मिला। डॉ. राय ने बताया कि एसएनसीयू की सुविधा को निरंतर बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। इसको लेकर एसएनसीयू में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों को नियमित अंतराल पर प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है।
यह हैं एसएनसीयू में भर्ती होने वाले नवजात के मानक
– 1800 ग्राम या इससे कम वजन के नवजात
– गर्भावस्था के 34 सप्ताह से पूर्व जन्में बच्चे
– जन्म के समय गंभीर रोग से पीड़ित नवजात (पीलिया या कोई अन्य गंभीर रोग)
– जन्म के समय नवजात को गंभीर श्वसन समस्या (बर्थ एक्स्फिसिया)
– हाइपोथर्मिया से ग्रसित नवजात
– नवजात में रक्तस्राव का होना
– जन्म से ही नवजात को कोई डिफेक्टस होना

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