PATNA : बगैर वैकल्पिक व्यवस्था के स्लम के लोगों को बेघर करना उचित नही ; आप
पटना। राजधानी के गायघाट, उत्तरी गली स्लम बस्ती में रह रहे भूमिहीन लोगों ने किफायती आवास और मलिन बस्ती पुनर्वास एवं पुनर्विकास नीति 2017 एवं प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत आवास व पुनर्वास कराने की मांग को लेकर सीएम से लेकर डीएम को इस संबंध में मार्च 2022 को पत्र के माध्यम से गुहार लगाया था। बिहार सरकार गायघाट उत्तरी गली स्लम बस्ती में सालों से रह रहे गरीब भूमिहीन लोगों को उक्त जमीन से हटाकर आईटीआई का निर्माण करना चाहती है। वही आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता बबलू प्रकाश ने बताया कि पुनर्वास की मांग करने वाले सभी भूमिहीन लोगों पर अबतक किसी प्रकार का कोई विचार नही किया गया। वहीं दूसरी ओर सभी आवेदनकर्ता पर अंचलाधिकारी पटना सदर के द्वारा अतिक्रमण वाद का मुकदमा दर्ज कर उन्हें अतिक्रमणकारी घोषित कर उक्त भूमि को खाली करने का आदेश दिया है। वही इस आदेश से असंतुष्ट स्लम के लोगों ने जिला पदाधिकारी के न्यायालय में अपील दायर किया है। जिसकी सुनवाई 30 नवंबर को होनी है।
वही बबलू ने बताया कि उक्त भूमि को खाली करने का आदेश जो जिला प्रशासन ने दिया है। पुनर्वास नीति 2017 के निर्णय का पूर्ण रूप से उल्लंघन है। बिहार शहरी स्लम में रहने वालों के लिए किफायती आवास और मलिन बस्ती (स्लम) पुनर्वास एवं पुनर्विकास नीति 2017 लागू की है। जिसमे स्पष्ट किया गया है कि वैसे सभी व्यक्ति जो स्लम में रहते हैं उन्हें विस्थापित करने से पूर्व उपरोक्त आवास नीति 2017 के तहत वैकल्पिक आवास बना कर देना होगा तत्पश्चात ही स्लम से हटाया जा सकेगा। तथा माननीय उच्च न्यायालय पटना में अपने एक याचिका CWJC- 4212/ 2015 झुग्गी झोपड़ी कामगार मजदूर यूनियन बनाम बिहार सरकार एवं अन्य में माननीय उच्च न्यायालय ने स्पष्ट आदेश स्लम में रहने वालों की तरफ से दिया है। जिसमे सरकार की ओर से दिए गए प्रति शपथ पत्र में कहा है कि पुनर्वास नीति को लागू करेंगे। वही बबलू ने कहा कि मामला जिला समाहर्ता पटना के स्तर पर लंबित है। लेकिन जिला प्रशासन के लोग झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों के ऊपर जमीन खाली करने का दबाव बना रहे हैं। क्या जिला पदाधिकारी पटना, राजीव नगर की तरह वगैर सुनवाई किये ही उत्तरी गली में रहने वाले लोगों के झोपड़ियों पर बुलडोजर चला देगी। सरकार से मांग है कि बगैर वैकल्पिक व्यवस्था किए उन्हें घर से बेघर नही किया जाए।