टसर के कपड़े पर अगरबत्ती से जलाकर बनता है कट वर्क, तारामंडल में 6 दिवसीय सिल्क प्रदर्शनी शुरू

पटना। तारामंडल प्लेनेटोरियम हॉल में 6 दिवसीय सिल्क प्रदर्शनी का शुभारंभ हुआ। इस प्रदर्शनी में देश के कई राज्यों के सिल्क बुनकरों द्वारा बने 200 से ज्यादा तरह के सिल्क उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है। सिल्क पर ठेठ देसी ढंग से होने वाले परंपरागत कढ़ाई और बुनाई का काम लोगों को अपनी ओर खींच रहा है। प्रदर्शनी के आयोजक सुरेश कुमार ने बताया कि सिल्क डिजायर आॅफ इंडिया प्रदर्शनी का मकसद ग्रामीण क्षेत्र के सिल्क बुनकरों को विपणन के लिए उचित जगह उपलब्ध कराना है। प्रदर्शनी का शुभारंभ विधायक सुधीर कुमार ने किया। इस मौके पर उन्होंने प्रदर्शनी में आए बुनकरों की कला को देखा और सराहा। प्रदर्शनी में बनारस से आए जमाल ने अपने हाथों से बनी खड्डी साड़ी को प्रदर्शित किया है प्योर जरी से बनने वाली साड़ी 6 महीने में बन पाती है। इसमें ताने और बाने में सिंगल धागा ही चलता है। यही कारण है कि इस साड़ी की कीमत 95 हजार के करीब है। असमिया धागे से बनी खड्डी साड़ी जरी का काम भी देखने लायक है। कोलकाता से आए सपनभद्र अपने साथ कट वर्क की साड़ियां लाए हैं। टसर मूंगा पर पहले हैंड वर्क किया जाता है और फिर इसे अगरबत्ती से जलाकर कट वर्क होता है। साड़ी को अगरबत्ती से चलाने का काम काफी सावधानी से किया जाता हैं। जरा सी लापरवाही से साड़ी खराब हो सकती है। कट वर्क की साड़ी को देखकर प्रतीत नहीं होता की अगरबत्ती से जला कर तैयार किया गया है। सुरेश कुमार ने बताया कि प्रदर्शनी में ढाका सिल्क भी प्रदर्शित किया गया है ।
इसके साथ ही प्रदर्शनी में मैसूर सिल्क साड़ियां, क्रेप और जार्जेट सिल्क साड़ियां, शिफॉन सिल्क साड़ियां, टसर सिल्क साड़ियां और सूट, कांचीपुरम सिल्क साड़ियां और शादी की साड़ियां, डिजाइनर फैन्सी साड़ियां, धर्मावरम सिल्क साड़ियां, रॉ सिल्क और तसर, जूट सिल्क साड़ियां, ढाका सिल्क साड़ियां, हैंडलूम सिल्क कॉटन साड़ियां, सिल्क ब्लेंड साड़ियां और दुपट्टे, सिल्क शॉलें, सिल्क ब्लेंड्स कपड़े-फर्निशिंग, उप्पडा, गढ़वाल सिल्क साड़ियां, हैंड ब्लॉक प्रिंट साड़ियां, सूट और सिल्क बेड कवर, डिजाइनर वेयर और बार्डर लेजेस, कुर्तियां, हाथ से बुने मटका, बनारस जामदानी, हाथ से बुनी साड़ियां प्रदर्शित की जाएगी। प्रदर्शनी का समापन 29 सितंबर को होगा।

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