हर हर महादेव से गूंजेगा आकाश-पाताल : जयद योग में गुरूवार से शुरू होगा सावन मास, बरसेगी शिव कृपा

  • चार सोमवार का अनूठा संयोग, पूरे मास में बनेंगे कई शुभ संयोग

पटना। शिव के मनभावन व अति प्रिय सावन मास गुरुवार को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, वैधृति योग के साथ जयद योग के युग्म संयोग में आरंभ हो रहा है। सावन का पावन महीना शुभ व विशेष संयोग के साथ 14 जुलाई से शुरू होकर से 12 अगस्त को खत्म होगा। हिन्दू धर्म में सावन महीने का खास महत्व है। इस महीने में भगवान शंकर की पूजा पूरे हर्षोल्लास से की जाती है। इस महीने में सोमवार को व्रत रखने एवं महादेव की पूजा करने वाले जातक को मनवांछित जीवनसाथी प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है। इस बार सावन में कुल चार सोमवार होंगे। जिसमें 2 जुलाई में तथा 2 अगस्त में पड़ेंगे। सावन का पवित्र मास गुरुवार से आरंभ होकर शुक्रवार को खत्म होगा। इस पूरे मास में कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जो शिव की कृपा पाने के लिए उन्हें और शुभफलदायी बना रहे हैं।
वैदिक मंत्रों से गूंजेगा गली-मुहल्ला
आचार्य राकेश झा ने कहा कि गुरूवार से सावन मास आरंभ हो रहा है। ॐ नम: शिवाय, हर हर महादेव समेत अन्य वैदिक मंत्रों से पूरा गली-मुहल्ला एक मास के लिए गुंजायमान रहेगा। कोरोना के बाद इस बार दो साल के बाद शिव भक्त मंदिरों, शिवालयों में जलाभिषेक, रुद्राभिषेक, पूजा-पाठ करेंगे। शिव को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु गंगाजल से जलार्घ्य, भस्म चंदन, अकावन की माला, बेलपत्र, भांग, धतूरा आदि अर्पण करेंगे। भोलेनाथ की पूजा सर्वदा फलदायी होती है। सावन मास में इनकी आराधना से चार गुना ज्यादा पुण्यफल मिलता है।
सावन में महादेव आते हैं ससुराल
सावन मास में भगवान भोलेनाथ अपने ससुराल यानि पृथ्वीलोक पर निवास करते हैं। जहां सनातन धर्मावलंबियों द्वारा उनका भव्य स्वागत तथा शीतल जल से उनका स्नान व अभिषेक किया जाता है। जिससे वे तृप्त तथा प्रसन्न होकर मनोवांछित कामना पूर्ति का वरदान देते हैं। पुराणों के अनुसार मां पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए सावन महीने में कठोर तप किया था। इस पूरे मास में घरों, शिवालयों तथा ज्योतिर्लिंगों में विशेष पूजा-अर्चना किया जाता है। स्फटिक शिवलिंग, पार्थिव शिवलिंग, पारद शिवलिंग, नर्मदेश्वर शिवलिंग के अलावे भी कई अन्य पदार्थो से निर्मित व प्रतिष्ठित शिवलिंग की पूजा व श्रृंगार किया जाता है। शिव के साथ इनके परिवार व गणों की भी आराधना होती है।
चार सोमवार का अनूठा संयोग
ज्योतिषी झा ने कहा कि सावन मास में कुल चार सोमवार होंगे, जिसमें दो कृष्ण पक्ष व दो शुक्ल पक्ष में होंगे। सावन के पांचवें दिन रवियोग में पहला सोमवार 18 जुलाई को, सर्वार्थ सिद्धि योग में दूसरी सोमवारी 25 जुलाई को, वहीं 1 अगस्त को रवियोग में तीसरी तथा श्रावण शुक्ल एकादशी 8 अगस्त को भी रवियोग में चौथा व अंतिम सोमवारी होगी। इन योगों में शुद्ध अंत:करण से भगवान सदाशिव की आराधना करने से मनचाहा वर मिलता है। सभी कार्य सिद्द हो जाते हैं। इस दिन शिव आराधना से अक्षुण दांपत्य जीवन का आशीष प्राप्त होता है।
असाध्य रोगों के मिलेगी मुक्ति
जातक या परिवार में किसी सदस्य को असाध्य बीमारी हो गई हो तो उसे सावन में सोमवार को जल में दूध व काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करें। अभिषेक करते समय ‘ॐ जूं स:’ मंत्र का जाप करते रहें। इसके अलावा 11 हजार, 21 हजार या 1.25 लाख बार महामृत्युंजय का जाप करने या किसी योग्य ब्राह्मण को संकल्प देकर कराने से भी असाध्य बीमारी, रोग, शोक, दु:ख, जरा व मृत्यु के बंधनों से मुक्ति मिलती है।
सावन एक नजर में
14 जुलाई गुरुवार: सावन शुरू
18 जुलाई सोमवार: प्रथम सोमवार, मौन पंचमी, मधुश्रावणी आरंभ
24 जुलाई रविवार: कामदा एकादशी
25 जुलाई सोमवार: दूसरा समोवार, प्रदोष व्रत
26 जुलाई मंगलवार: मासिक शिवरात्रि
28 जुलाई गुरुवार: हरियाली अमावस्या
31 जुलाई रविवार: हरियाली तीज, मधुश्रावणी समापन
01 अगस्त सोमवार: तीसरा सोमवार
2 अगस्त मंगलवार: नागपंचमी
08 अगस्त सोमवार: चौथा व अंतिम सोमवार, पुत्रदा एकादशी
12 अगस्त शुक्रवार: सावन पूर्णिमा, रक्षाबंधन
शिव की कृपा पाने हेतु करे महादेव की निम्न आराधना
* संतान सुख की प्राप्ति के लिए- दूध से अभिषेक
* शिवभक्ति के लिए- गंगाजल से अभिषेक
* उत्तम वर की प्राप्ति के लिए- सावन सोमव्रत
* आरोग्य, सुख व व्याधियों से निवृत्ति हेतु- महामृत्युंजय मंत्र का जाप
* आर्थिक समृद्धि के लिए- गन्ने के रस से अभिषेक

About Post Author

You may have missed