यूपीएससी परीक्षा में सफलता के लिये सही रणनीति जरूरी : डॉ. राजीव रंजन
- सिविल सेवा की तैयारी और असीम संभावनाएं सेमिनार में विशेषज्ञों ने की यूपीएससी परीक्षा की रणनीतियों पर चर्चा
पटना। यूपीएससी की परीक्षाओं में सफल होने के लिये यह जरुरी नहीं कि वह अपने कॉलेज का टॉपर ही हो। यदि ऐसा होता तो सभी कॉलेज में टॉप करने वाले बच्चे ही आईएएस बनते, जबकि हकीकत में ऐसा नहीं है। एक अध्ययन में देखा गया है कि बहुत सारे बच्चे जो शुरू के दिनों में पढ़ाई में अव्वल थे, वे कुछ खास उपलब्धि नहीं प्राप्त कर सके। वहीं उनके साथ पढ़ने वाले कमजोर बच्चे बहुत आगे निकल गए। ऐसे में, अभी तक की असफलता से आपको घबराने की जरुरत नहीं है। आप सही दिशा में लगातार और कठिन परिश्रम करें। सफलता आपकी कदम चूमेगी। ये बातें रविवार को ‘सिविल सेवा की तैयारी, असीम संभावनाएं’ विषयक राष्ट्रीय सेमिनार में वक्ताओं ने कही। जीबीआरडीएफ, नई दिल्ली की ओर से संचालित अभियान 40 (आईएएस) द्वारा आयोजित इस सेमिनार में दिल्ली, लखनऊ एवं पटना के ख्यातिप्राप्त विषय विशेषज्ञ , भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी एवं अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए।
इससे पहले सेमिनार का उदघाटन पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. रासबिहारी प्रसाद सिंह, बिहार के एडीजी पारसनाथ, बरिष्ठ आईएएस अधिकारी व ईखाआयुक्त गिरिवर दयाल सिंह, दिल्ली से आये विशेषज्ञ डॉ. राजीव रंजन एवं लखनऊ से आये डॉ. एसपी सिंह ने संयुक्त रूप से किया। सेमिनार में प्रो. रासबिहारी सिंह ने सिविल सेवा की तैयारी में समय एवं प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा की। एडीजी पारसनाथ प्रतिभागियों को सिविल सेवा में प्रशासन की चुनौतियाँ ‘ विषय पर प्रकाश डाला, जबकि गन्ना आयुक्त गिरिवर दयाल सिंह ‘ सिविल सेवा के बदलते स्वरूप पर प्रकाश पर चर्चा किया। दिल्ली से आये ख्यातिप्राप्त विशेषज्ञ डॉ. राजीव रंजन सिविल सेवा की तैयारी के लिए उत्कृष्ट पठन सामग्री का चुनाव से संबंधित तथ्यों पर चर्चा करते हुए कहा कि पठन सामग्री के चुनाव बहुत ही सावधानी पूर्वक करने की जरूरत है। सतही क़िताबों से आईएएस की परीक्षा उतीर्ण नहीं कि जा सकती। आईआरएस आरके मधुकर ने सिविल सर्विसेज में संवेदनशीलता एवं परिश्रम के महत्व पर चर्चा की।
वही, इस मौके पर दिल्ली से आये विशेषज्ञ राकेश कुमार , संजय कुमार समेत कई अन्य विशेषज्ञों ने भी प्रतिभागियों को इस परीक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। संस्थान के निदेशक बिलास कुमार ने कहा कि निश्चित रूप से इस कार्यक्रम का बिहार के बच्चों पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और वे इस सेमिनार से काफी लाभान्वित होंगेविदित हो कि गौतम बुद्धा ग्रामीण विकास फाउंडेशन मानवाधिकार के लिए सतत् संघर्षरत रहा है तथा इसके द्वारा पटना , लखनऊ तथा दिल्ली में अभियान 40 ( आईएएस ) नाम से निःशुल्क कक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है , जिसमे समाज के प्रतिभाशाली बच्चों को सिविल सर्विसेज की तैयारी कराई जाती है। आज यहां से निकले हुए सैकड़ों छात्र छात्राएं देश भर में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर रहे हैं। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्रों ने भाग लिया।