आयकर मामले में सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस को बड़ी राहत, चुनाव तक कोई कठोर कार्रवाई नहीं करेगा विभाग

नई दिल्ली। आयकर विभाग ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी से 1700 करोड़ रुपये की वसूली के लिए कोई कठोर कदम नहीं उठाएगा। वहीं, आयकर विभाग ने अदालत से मामले को जून में सुनवाई तक स्थगित करने का आग्रह किया। आयकर विभाग का कहना है कि वह चुनाव के दौरान किसी भी पार्टी के लिए परेशानी खड़ी नहीं करना चाहते हैं। यह कांग्रेस के लिए बड़ी राहत है। बता दें कि कुछ दिनों पहले आयकर विभाग ने कांग्रेस को 1700 करोड़ का नोटिस दिया था। इस नोटिस असेसमेंट इयर 2017-18 से 2020-21 के लिए है, इसमें जुर्माना और ब्याज दोनों शामिल है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आयकर विभाग लोकसभा चुनाव तक कांग्रेस पर कोई सख्त एक्शन नहीं ली जाएगी। विभाग ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि इस मामले को जून तक स्थगित कर दी जाए। विभाग ने कहा कि चुनाव को दौरान हम किसी पार्टी की परेशानी नहीं बढ़ाना चाहते हैं।
आयकर विभाग ने काफी उदारता दिखाई: कांग्रेस
आयकर विभाग की बात पर कांग्रेस की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि आयकर विभाग ने काफी उदारता दिखाई है। मैं निःशब्द हो गया हूं और ऐसा बहुत कम बार हुआ है। एएम सिंघवी के रवैये पर न्यायमूर्ति नागरत्ना ने मौखिक रूप से कहा,”आपको (कांग्रेस) हर समय किसी के बारे में नकारात्मक धारणा नहीं रखनी चाहिए!” आयकर विभाग से नोटिस मिलने के बाद कांग्रेस पार्टी ने भाजपा ने निशाना साधा। कुछ दिनों पहले जयराम रमेश ने कहा था कि जिन त्रुटियों के आधार पर कांग्रेस को अभूतपूर्व वसूली का यह नया नोटिस दिया है उस कसौटी पर भाजपा से आयकर विभाग को 4600 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली करनी चाहिए। यह मामला 2018 में कांग्रेस द्वारा दायर एक याचिका से संबंधित है, जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें आयकर विभाग को 2011-2012 के लिए अपने आयकर का पुनर्मूल्यांकन करने की अनुमति दी गई थी। इस दौरान कांग्रेस पार्टी ने 28 मार्च के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लेख किया, जिसमें कर अधिकारियों द्वारा उसके खिलाफ चार साल की अवधि के लिए कर पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही शुरू करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था। हाईकोर्ट द्वारा याचिकाएं खारिज करने के एक दिन बाद कांग्रेस को आयकर विभाग से 1800 करोड़ रुपये का नोटिस मिला है।
अब तक कुल 3,567 करोड़ रुपये का नोटिस
बाद में तीन और नोटिस भेजे गए जिसमें आयकर विभाग द्वारा कांग्रेस से अब तक कुल 3,567 करोड़ रुपये के कर की मांग की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने राजनीतिक दलों को मिलने वाली कर छूट समाप्त कर दी है और पार्टी पर कर लगा दिया है। सूत्रों ने कहा कि जांच एजेंसियों द्वारा छापे के दौरान कांग्रेस के कुछ नेताओं से जब्त की गई डायरियों में की गई ‘‘तीसरे पक्ष की प्रविष्टियों’’ के लिए भी कांग्रेस पर कर लगाया गया है। मुख्य विपक्षी दल ने शुक्रवार को कहा था कि उसे आयकर विभाग से नोटिस मिला है, जिसमें करीब 1,823 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा गया है। कर अधिकारियों ने पिछले वर्षों से संबंधित कर मांग के लिए पार्टी के खातों से 135 करोड़ रुपये पहले ही निकाल लिये हैं। कांग्रेस ने 135 करोड़ रुपये की कर मांग के खिलाफ अदालत का रुख किया था और इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। पार्टी इस संबंध में आयकर अपीलीय अधिकरण और उच्च न्यायालय से कोई राहत पाने में विफल रही थी।
टैक्स असेसमेंट की याचिका हुई थी खारिज
बता दें कि 2 दिन पहले आयकर विभाग ने कांग्रेस को 1700 करोड़ रुपये का डिमांड नोटिस जारी किया था। यह टैक्स नोटिस 2017-18 से 2020-21 तक की वसूली के लिए है। इसमें जुर्माना और टैक्स पर ब्याज दोनों लगाया गया है। इसे कांग्रेस ने अपने लिए बड़ा झटका बताया, जबकि कांग्रेस पहले ही कैश का संकट झेल रही है और चुनाव सिर पर हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस की टैक्स असेसमेंट को लेकर दायर की गई याचिका भी गत 28 मार्च को खारिज कर दी थी, लेकिन अब बड़ी राहत मिली है। याचिका खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि कांग्रेस के बैंक खातों में कई प्रकार के लेन-देन शो हो रहे हैं, लेकिन आयकर विभाग को इन लेन-देन का पुख्ता सबूत नहीं मिल रहा, इसलिए कार्रवाई की गई।
क्या है इनकम टैक्स नोटिस का मामला?
बता दें कि आयकर विभाग ने चुनावी दिनों में कांग्रेस को 3000 करोड़ से ज्यादा टैक्स की रिकवरी का नोटिस थमाया है। कांग्रेस को 2014-15 के लिए 663 करोड़, 2015-16 के लिए 664 करोड़, 2016-17 के लिए 417 करोड़ और अब 2017-18 से 2020-21 के लिए करीब 1700 करोड़ का नोटिस थमाया है। इसके खिलाफ कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की हुई है। कांग्रेस ने आयकर विभाग पर राजनीतिक दलों को मिलने पर टैक्स में छूट नहीं दिए जाने का भी आरोप लगाया। कांग्रेस ने पहले दिल्ली हाईकोर्ट में टैक्स पेमेंट की असेसमेंट की मांग की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका विचाराधीन है।

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