दिवंगत सीडीएस विपिन रावत का परिवार गया पहुंचा, बेटियों ने माता-पिता का किया पिंडदान

गया। देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत व पत्नी मधुलिका रावत की पुण्य आत्मा की मोक्ष प्राप्ति के उद्देश्य से पिंडदान करने शनिवार को उनकी दोनों पुत्रियां परिवार के अन्य सदस्यों संग गया जी पहुंचीं। यहां उन्होंने नम आंखों से पिता को याद किया। कृतिका रावत (ज्येष्ठ पुत्री), कुमारी तारिणी रावत (छोटी पुत्री), रिटायर्ड कर्नल विजय रावत (जनरल के भाई), कुंवर यशवर्धन सिंह, सोहागपुर (जनरल के साले व मधुलिका के भाई), सपना सिंह (कुंवर यशवर्धन सिंह की पत्नी) ने बिपिन रावत का पिंडदान किया। बिपिन रावत का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले (पहले के उत्तर प्रदेश राज्य) में 16 मार्च 1958 को राजपूत परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम बिपिन लक्ष्मण सिहं रावत था। बिपिन रावत का पूरा परिवार कई दशकों से देश को सैन्य सेवाएं दे रहा था और उनके पिता भी लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हुए थे। बिपिन रावत की मौत 8 दिसंबर 2021 में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हुई थी। रावत अपनी पत्नी मधुलिका और निजी स्टाफ समेत कुल 10 यात्रियों और 4 सदस्यों वाले चालक दल के साथ वायुसेना के Mi-17 हेलीकॉप्टर पर सवार थे, तभी हादसे का शिकार हो गए। बिपिन रावत सुलुरु वायुसेना हवाई अड्डे से रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन जा रहे थे। तमिलनाडु के नीलगिरि जिले के कुन्नूर तालुके में यह हादसा हुआ था। हेलीकॉप्टर में सवार सभी 14 लोगों की मौत हो गई थी।

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