गजकेसरी योग में रक्षाबंधन कल : नहीं होगा भद्रा का साया, बहन इतने बजे तक भाई को बांधेगी राखी

पटना। सावन शुक्ल पूर्णिमा दिन रविवार को भाई-बहनों का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन धनिष्ठा नक्षत्र में मनाया जायेगा। इस बार रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया नहीं रहने से पूरे दिन राखी बांधी जा सकेगी। यह भाई-बहन के अटूट प्यार और एक-दूसरे की रक्षा करने के संकल्प का पर्व है। इसमें बहन भाई को तिलक लगाकर उसकी लंबी उम्र की कामना करती है। भाई भी जीवन भर बहन के सुख-दुख में साथ निभाने का वादा करता है और स्नेह के स्वरुप बहन को उपहार भी देता है। आज को रक्षाबंधन पर धनिष्ठा नक्षत्र एवं शोभन योग के साथ श्रावणी पूर्णिमा होने से इस दिन की महत्ता और बढ़ गयी है। तिथि के हेर फेर से इस बार सावन 29 दिन का रहा। रविवार दिन से ही सावन मास का आरंभ और आज रविवार को ही इसका समापन भी हो रहा है। स्नान-दान की पूर्णिमा और रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार कल मनाया जाएगा। ग्रह-नक्षत्रों के इस युग्म संयोग में राखी बांधने से ऐश्वर्य तथा सौभाग्य की वृद्धि होती है।
गजकेसरी योग में रक्षाबंधन
भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के सदस्य ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि कल रक्षाबंधन पर चंद्रमा कुंभ राशि में मौजूद रहेंगे व गुरु भी इसी राशि में वक्री चाल में उपस्थित है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार गुरु व चंद्रमा की इस युति से रक्षाबंधन पर गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है। गजकेसरी योग को बहुत ही शुभ फलदायक माना जाता है। गजकेसरी योग पर शुभ कार्य करने पर उसमें विजय निश्चित होती है। इस योग में सभी तरह के सुखों की प्राप्ति तथा कार्यों का परिणाम उत्तम होता है। शोभन, अमृत व गजकेसरी महायोग इस पर्व की शोभा बढ़ाएंगे। शोभन योग प्रात: 10.38 बजे तक, अमृत योग प्रात: 05.45 से शाम 05.32 तक रहेगा। मकर-कुंभ राशि का चंद्रमा, सिंह राशि का सूर्य व कुंभ राशि के बृहस्पति में बहनें अपने अपने भाई की कलाई पर आयु व आरोग्य की कामना से रक्षा बांधेंगीं।
पूरे दिन बंधेगी स्नेह की राखी
ज्योतिषी झा ने पंचांगों के हवाले से कहा कि सावन की पूर्णिमा 21 अगस्त दिन शनिवार की संध्या 06:10 बजे से ही शुरू हो गयी है, जो रविवार की शाम 05:01 बजे तक रहेगा। इससे बहन पूरे दिन भाई को राखी बांध सकेंगी। उदया तिथि की पूर्णिमा 22 अगस्त को होने से रक्षाबंधन का त्योहार भी आज ही मनाया जायेगा। बहनें अपने भाई को संध्या 05:01 बजे तक स्नेह की राखी बांध सकेगी।
474 वर्षों बाद धनिष्ठा नक्षत्र में रक्षाबंधन
आचार्य राकेश झा के मुताबिक आज रक्षाबंधन के दिन सूर्य, मंगल और बुध तीनों एक साथ सिंह राशि में मौजूद हैं। रक्षाबंधन के दिन तीन ग्रहों का ऐसा संयोग 474 साल के बाद बन रहा है। 474 वर्षों बाद रक्षाबंधन धनिष्ठा नक्षत्र में और सूर्य, मंगल और बुध का सिंह राशि में विद्यमान रहने पर यह पर्व मनाया जाएगा। रक्षाबंधन पर वर्षों के बाद ऐसा संयोग बनने से भाई-बहन के लिए यह बहुत ही लाभकारी और सुख प्रदान करने वाले होगा।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
चर योग : प्रात: 07:03 बजे से 08:40 बजे तक
लाभ योग : सुबह 08:40 बजे से 10:16 बजे तक
अमृत योग : सुबह 10:16 बजे से 11:52 बजे तक
अभिजित मुहूर्त : दोपहर 11:27 बजे से 12:18 बजे तक
शुभ योग : दोपहर 01:29 बजे से 03 :05 बजे तक
गुली काल मुहूर्त : शाम 03:05 बजे से 04 :41 बजे तक
राशि के अनुसार बांधे राखी
मेष – लाल, केसरिया या पीला रंग की राखी
वृष – नीले रंग या चांदी की राखी
मिथुन – हरे रंग की राखी
कर्क – सफेद धागे या मोती से निर्मित राखी
सिंह – गुलाबी, लाल या केसरिया रंग की राखी
कन्या – सफेद या हरे रंग की राखी
तुला – फिरोजी या जमुनी रंग की राखी
वृश्चिक – लाल रंग की राखी
धनु – पीले रंग की राखी
मकर – गहरे लाल रंग की राखी
कुंभ – रुद्राक्ष से निर्मित राखी
मीन – पीला या सफेद रंग की राखी
रक्षा सूत्र बांधने का मंत्र
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वां मनुबध्नामि, रक्षंमाचल माचल।।

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