पीयू चुनाव में 17 नवंबर को होगा प्रेसिडेंशियल डिबेट का आयोजन, जेएनयू के जैसे साइंस कॉलेज में एकसाथ होंगे प्रत्याशी

पटना। पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव अपने उफान पर है। सभी छात्र संगठन अपने-अपने प्रत्याशियों को लेकर जमकर सभी कैंपस में प्रचार कर रहे है। छात्र संघ चुनाव में इस बार अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों के बीच में प्रचार के आखिरी दिन प्रेसिडेंशियल डिबेट होने वाला है। यह डिबेट 17 नवंबर को पटना साइंस कॉलेज में होना है। चुनाव के आखिरी समय में भी रुख बदल देने की ताकत प्रेसिडेंशियल डिबेट रखता है।
जानिए आखिर क्या होता है प्रेसिडेंशियल डिबेट
अमेरिकी चुनाव में चुनाव से पहले राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच आमने-सामने डिबेट होता है। इसी प्रकार पटना यूनिवर्सिटी में भी प्रेसिडेंशियल डिबेट होगा। दिल्ली में जेएनयू में भी प्रेसिडेंशियल डिबेट होता है, जो काफी प्रसिद्ध है। चुनाव प्रचार की आखिरी रात में यूनिवर्सिटी कैंपस में स्टेज लगाकर सभी अध्यक्ष पद के उम्मीद्वारों को बुलाया जाता है। वे अपनी बात छात्रों के बीच रखते हैं। प्रेसिडेंशियल डिबेट का महत्व काफी ज्यादा है। चुनाव प्रचार के बावजूद आखिरी दिन छात्रों के बीच दिए हुए भाषण का काफी असर पड़ता है। 2015 के जेएनयू चुनाव में भी इसका असर दिखा था। सभी लेफ्ट पार्टी चुनाव अलग-अलग लड़ती थी। आइसा, एआईएसएफ, एसएफआई, बासो ने अपने-अपने अध्यक्ष पद के प्रत्याशी दिए थे। लेकिन कैंपस में आईसा के प्रत्याशी चुनाव प्रचार में आगे चल रहे थे। तभी कन्हैया कुमार के भाषण ने चुनाव का रुख बदल दिया। फिर कन्हैया कुमार की जीत हुई।

About Post Author