PATNA : हिंदी दिवस पर मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास पर आधारित हिंदी नाटक होरी का हुआ मंचन

खगौल, अजीत। हिंदी दिवस के अवसर पर एन सी घोष, खग़ौल के सभागार में मंथन कला परिषद द्वारा संस्कृति मंत्रालय के सौजन्य व दानापुर मंडल सांस्कृतिक संघ के सहयोग से मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास पर आधारित हिंदी नाटक होरी का मंचन किया गया। नाटक का मुख्य पात्र किसान होरी एक गाय लेने की लालसा रखता है। वह उधार में अपने मित्र भोला से गाय लेता है। एक रात उसका भाई हिरा द्वेष में गाय को जहर देकर मार डालता है। उसकी पत्नी धनिया हिरा को जेल भेजने के लिये पुलिस बुला लेती है पर होरी दारोगा को रिश्वत देकर मामले को दबाने का प्रयास करता है। इसी बीच होरी का बेटा गोबर भोला की विधवा बेटी झुनिया को भगा लाता है पर समाज के डर से वह गांव छोड़ कर भाग जाता है। झुनिया होरी के सामने विलाप करती है और उसके पेट में पल रहे बच्चे को भोला का करतूत बताती है। होरी उसे अपना बहू स्वीकार लेता है, पर उसे इसके लिये उसे पंचायत को भारी ज़ुर्माना भी देना पड़ता है। उसके घर में एक पोते का जन्म होता है, खुशियाँ वापस आती है। एक गाय के बदले भोला उसके दोनों बैल लेकर चला जाता है, होरी इस सदमे से बेहोश हो जाता है, तभी गोबर शहर से पैसे कमाकर घर आता है। कुछ दिनों के बाद एक दिन धनिया, झुनीया और गोबर में कहासुनी हो जाती है और वह अपनी पत्नी और बच्चे के साथ शहर चला जाता है। होरी पर परिवार का बोझ रहता है

वह दो बेटियों की शादी कर तो देता है पर महाजनों के क़र्ज़ में बुरी तरह टूट जाता है। क़र्ज़ उतारने और एक गाय खरीदने की लालसा में वह जी तोड़ मेहनत करता है और वही उसके मौत का कारण बनती है। यह नाटक षड्यंत्र में फंसे एक सीधे साधे खुशहाल किसान के मज़दूर बनने से लेकर सबकुछ लुटने और उसके जीवन के मार्मिक अंत की कहानी है। नाटक में होरी की भूमिका में सोनू कुमार, धनिया (शिखा शर्मा ), गोबर (दीनानाथ गोस्वामी ), भोला (रोहन राज ), हीरा (अमन कुमार ), झुनिया (पूजा कुमारी ), दाताराम (प्रशांत कुमार ), पटवारी (सज्जाद आलम ), सोना (हेमा कुमारी ), सोना (वैष्णवी पोद्दार ) आदि ने अपने अभिनय से खूब प्रभावित किया। बहूचर्चित रंगकर्मी अंजलि शर्मा के दृश्यबंध, ध्वनी संयोजन और संवाद परिकल्पना प्रस्तुति और भी स्तरीय बना दिया। प्रकाश संयोजन ( रोशन कुमार), रूप सज्जा (रजनीकांत ), मंच सज्जा (संजीत गुप्ता )और अन्य तकनिकी सहयोगबबलू कुमार,श्यामाकांत, रंजीत दास, तेजनारायण सिन्हा और मंच संचालन वरिष्ठ रंगकर्मी उदय सिन्हा का था।

About Post Author

You may have missed