प्रशांत किशोर का लालू पर तंज़, उनका अपराध पर बोलने का कोई हक नहीं, उन्होंने बिहार का सत्यानाश किया

पटना। बिहार की राजनीति एक बार फिर से गर्मा गई है। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जहां राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं, वहीं एक-दूसरे पर कटाक्ष और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी तेज हो गया है। इसी क्रम में जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर तीखा हमला किया है। उन्होंने लालू यादव द्वारा बिहार की कानून-व्यवस्था पर की गई टिप्पणी को पूरी तरह से असंगत और दोहरे मापदंड वाला करार दिया।
लालू यादव के बयान पर तंज
हाल ही में लालू यादव ने राज्य सरकार पर बढ़ते अपराध और बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि बिहार में अपराधी बेलगाम हो गए हैं और सरकार स्थिति को संभालने में विफल साबित हो रही है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रशांत किशोर ने कटाक्ष भरे शब्दों में कहा कि लालू यादव अगर अपराध और कानून-व्यवस्था की बात कर रहे हैं, तो यह ऐसा ही है जैसे कोई बूढ़ा शेर कहे कि वह अब शाकाहारी हो गया है। प्रशांत किशोर के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
बिहार के ‘सत्यानाश’ का आरोप
प्रशांत किशोर ने यह भी आरोप लगाया कि लालू यादव के शासनकाल में ही बिहार की प्रशासनिक और सामाजिक व्यवस्था का सबसे अधिक पतन हुआ। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव को यह अधिकार नहीं है कि वे अपराध या कानून-व्यवस्था पर नैतिकता की बात करें। उनका कहना था कि लालू के शासन को ‘जंगलराज’ कहा जाता था और वह आज भी लोगों की स्मृति में एक भयावह कालखंड के रूप में दर्ज है।
बदलाव यात्रा के दौरान दिए बयान
प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार में ‘जन सुराज’ यात्रा पर हैं, जिसमें वे राज्य के विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं और आम जनता से संवाद स्थापित कर रहे हैं। इसी दौरान उन्होंने यह बयान दिया। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार को यदि वाकई बदला जाना है, तो उसे पुराने नेताओं और उनके तौर-तरीकों से मुक्ति पानी होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी यात्रा केवल चुनावी रणनीति का हिस्सा नहीं, बल्कि बिहार को एक नई दिशा देने का प्रयास है।
नीतीश कुमार पर भी निशाना
प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की राजनीति अब थकी हुई और दिशाहीन हो चुकी है। उन्होंने यह दावा किया कि नीतीश की सरकार न केवल विकास कार्यों में पिछड़ रही है, बल्कि कानून-व्यवस्था, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे जरूरी क्षेत्रों में भी कोई उल्लेखनीय सुधार नहीं कर पा रही है। बिहार की सियासत में प्रशांत किशोर अब एक मुखर और सीधा बोलने वाले नेता के रूप में उभर रहे हैं। उनके बयानों में जहां जनता को बदलाव का संदेश मिलता है, वहीं पुराने नेताओं की आलोचना में तीखापन भी नजर आता है। लालू यादव पर किए गए उनके तंज ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे अब किसी भी राजनीतिक मुरव्वत या परंपरागत राजनीति से अलग रास्ता अपनाना चाहते हैं। अब देखना होगा कि यह बयानबाज़ी बिहार के चुनावी माहौल को किस दिशा में ले जाती है।

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