देश भर में 1 जुलाई से चिन्हित सिंगल यूज वाले प्लास्टिक होंगे पूरी तरह से बैन

  • जिलों के सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादकों के साथ बैठक आयोजित

पटना। भारत सरकार द्वारा पूरे देश में आगामी 1 जुलाई से प्लास्टिक (जिसमें पॉलीस्टाइरीन और विस्तारित पॉलिस्टाइरिन भी शामिल है) से बने चिन्हित सिंगल यूज वाले प्लास्टिक, जिसमें इयर बड्स के प्लास्टिक स्टिक, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की डंडिया, कैंडी स्टिक, आईसक्रीम की प्लास्टिक की डंडियां, प्लास्टिक के झंडे, थर्माेकोल की सजावटी सामग्री तथा कटलरी जैसे- प्लेट, कप, गिलास, कांटा, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, ट्रे के साथ ही मिठाई के डिब्बे, निमंत्रण कार्ड और सिगरेट पैकेट के इर्द-गिर्द लपेटने या पैक करने वाली फिल्में, 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक या पीवीसी बैनर के विनिर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग को पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया है। उक्त आलोक में संपूर्ण बिहार की परिसीमा के भीतर 1 जुलाई से उपरोक्त वस्तुओं के विनिर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग को निषिद्ध किया गया है।
इन प्रतिबंधों के सपफल क्रियान्वयन के उद्देश्य से बिहार चैम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज तथा बिहार उद्योग संघ के प्रतिनिधियों तथा राज्य के विभिन्न जिलों के सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादकों के साथ शनिवार को एक बैठक का आयोजन पर्षद् मुख्यालय में आयोजित किया गया। बैठक को संबोधित करते हुए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि चिन्हित सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग पर्यावरण के लिए हानिकारक है और इसे संपूर्ण भारत में 1 जुलाई से प्रतिबंधित किया जा रहा है। राज्य सराकर द्वारा भी इस संबंध में अधिसूचना जारी की जा चुकी है। उन्होंने बैठक में शामिल प्रतिनिधियों से इस प्रतिबंध को सफल करने हेतु सकारात्मक सहयोग की अपील की।
विषय-वस्तु पर चर्चा में भाग लेते हुए बिहार उद्योग संघ द्वारा सूचित किया गया कि राज्य में पूर्व से एकल उपयोग वाले प्लास्टिक-थर्माेकोल उत्पादन करने वाली 12 इकाईयों द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में बायो-कम्पोस्टेबल प्लास्टिक से बने उत्पाद का निर्माण प्रारंभ करने के लिए नियमानुकूल आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

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