झारखंड घूमने गया पटना का युवक रहस्यमय ढंग से लापता; दोस्त बता रहे अलग अलग कहानी, परिवार को अनहोनी की आशंका

पटना। पटना के दीघा थाना क्षेत्र के पाटीपुल के रहने वाले धर्मनाथ चौधरी रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गए हैं। वे 14 मार्च को चार दोस्तों के साथ निजी गाड़ी से झारखंड गए थे, मगर लौट कर नहीं आए। वहीं, उनके साथ गए तीनों दोस्त वापस आ गए। स्वजनों ने साथ गए बंटी सिंह और कुंदन सिंह पर धर्मनाथ की किडनी निकाल हत्या करने की आशंका जताई है। फिलहाल, कुंदन को दीघा थाने की पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। थानाध्यक्ष राजकुमार पांडेय के अनुसार, कुंदन ने बताया कि चौपारण (झारखंड) में धर्मनाथ के पेट में दर्द उठा था। तीनों दोस्त उन्हें लेकर स्थानीय निजी अस्पताल में लेकर गए थे, जहां डाक्टरों ने धर्मनाथ को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद वे डर गए और शव को हास्पिटल के गेट पर ही छोड़ कर भाग आए। थानाध्यक्ष ने बताया कि चौपारण बिहार और झारखंड की सीमा पर है। बिहार से गया जिले के बाराचट्टी थाना सीमा पर है। चौपारण और बाराचट्टी दोनों ही क्षेत्रों के थानों से संपर्क किया जा रहा है। सत्यापन के बाद पुलिस निष्कर्ष तक पहुंचेगी।
पेंटिंग का काम करते हैं धर्मनाथ
धर्मनाथ पेंटिंग का काम करते हैं। उनकी दो बेटियां और एक बेटा है। छोटे भाई धर्मवीर ने बताया कि भैया अक्सर काम के सिलसिले में आते-जाते रहते थे। वे 14 मार्च को घर से बच्चों को बोल कर निकले कि मैं बाहर जा रहा हूं, मगर ज्यादा कुछ नहीं बताया। भाभी अंजू देवी घर पर नहीं थीं। जब वह आईं तो बच्चों ने जानकारी दी। अगले दिन भाभी ने तीन मिनट तक भैया से वीडियो काल पर बात की थी। इसके बाद काल की तो कुंदन ने कहा कि भैया के पेट में दर्द है, फिर फोन काट गया। तब से मोबाइल स्विच आफ है।
बंटी और उसके बहनोई पर गहराया शक
धर्मवीर के मुताबिक, भाई को लेकर घरवाले परेशान थे। रविवार को अचानक कुंदन पर नजर पड़ी। पूछने पर उसने कहा कि धर्मनाथ को गली के मोड़ पर छोड़ा था। इसके बाद उन्होंने बंटी से बात की तो उसने कहा कि मैं गया ही नहीं था। विरोधाभासी बयान से घरवालों को संदेह हुआ और उन्होंने दीघा थाने में शिकायत की। पुलिस ने जब पाटीपुल गली के मोड़ का सीसीटीवी फुटेज देखा तो उसमें कुंदन और धर्मनाथ दोनों ही नहीं दिखे। इसके बाद पुलिस ने कुंदन को हिरासत में ले लिया। धर्मवीर की मानें तो बंटी और उसके बहनोई स्वास्थ्य व अस्पताल से जुड़ा काम करते हैं। स्वजनों को संदेह है कि धर्मनाथ को बहला-फुसला कर वे झारखंड ले गए। वहां उनकी किडनी बेच दी और हत्या करने के बाद शव को ठिकाने लगा दिया। इधर, सूत्रों का कहना है कि चौपारण में 15 मार्च से लेकर अब तक किसी अस्पताल के बाहर से कोई लावारिस शव बरामद नहीं हुई है।

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