हाईकोर्ट का फैसला : मृत सरकारी कर्मी की पत्नी होने का दावा करने वाली को नहीं मिलेगा एक भी पैसा, जानें किन्हें मिलेगा
पटना । हाईकोर्ट ने पत्नी होने का दावा करने वाली महिला को एक पैसा नहीं देने का फैसला सुनाया है। वहीं सरकारी कर्मी के सर्विस रिकॉर्ड में दर्ज पत्नी को पूरा पैसा देने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव को 31 अगस्त तक पैसों का भुगतान सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की एकलपीठ ने सिहंता देवी की याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला दिया है।
आवेदिका के वकील ने कोर्ट को बताया कि आवेदिका के पति दीन दयाल सिंह जल संसाधन विभाग में कार्यपालक अभियंता के पद पर तैनात थे। विधानसभा चुनाव 2010 के दौरान बांका में उनकी मौत हो गई। इसके बाद एक महिला बबुनी देवी ने खुद को मृतक की पत्नी होने का दावा किया।
उसके दावा पर विभाग ने सरकारी कर्मी का आधा पैसा उसे देने का आदेश दिया। वहीं, आधा पैसा सरकारी कर्मी के बच्चों को देने का निर्देश जारी किया। उनका कहना था कि सरकारी कर्मी के सर्विस रिकॉर्ड सहित सभी जगह पत्नी के नाम की जगह आवेदिका का नाम दर्ज है। इसके बावजूद विभाग ने आधा पैसा पत्नी होने का दावा करने वाली महिला को दे दिया।
वहीं, पत्नी होने का दावा करने वाली महिला बबुनी देवी का कहना था कि उसकी शादी 1964 में हुई थी। जबकि सरकारी रिकॉर्ड में कर्मी की जन्मतिथि 23 मई 1952 दर्ज है।
1974 में बीआईटी सिंदरी से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर 30 जनवरी 1979 को जल संसाधन विभाग में सहायक इंजीनियर के पद पर बहाल हुआ था।
आवेदिका के वकील का कहना था कि पत्नी होने का दावा करने वाली महिला ने अपने जवाबी हलफनामा में खुद कहा है कि उसकी शादी 1964 में हुई है। जबकि सरकारी रिकॉर्ड में कर्मी का जन्म 1952 में होना लिखा गया है।
ऐसे में महज 12 वर्ष में शादी होना अपने आप मे गम्भीर संदेह पैदा करता है। यही नहीं लगभग 36 साल नौकरी में रहने के दौरान कभी भी पहली पत्नी होने का दावा करने वाली महिला ने पत्नी होने का दावा नहीं किया।
उनका कहना था कि जल संसाधन विभाग के सारे रिकॉर्ड में पत्नी के नाम की जगह आवेदिका का नाम दर्ज है। कहीं भी पत्नी होने का दावा करने वाली महिला का नाम नहीं है। फिर भी पता नहीं किस आधार पर विभाग ने आधा पैसा देने का आदेश निर्गत कर दिया।
कोर्ट ने माना कि महज 12 वर्ष की आयु में शादी होना अपने आप मे संदेह पैदा करता है। कोर्ट ने सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज पत्नी को मृतक का पूरा पैसा बगैर देर किये आगामी 1 अगस्त तक पांच फीसदी सूद के साथ देने का आदेश दिया है।
साथ ही आवेदिका को 26 जुलाई को दिन के साढ़े ग्यारह बजे जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव के समक्ष उपस्थित होकर आदेश की प्रति को देने का आदेश दिया।